Hari Bhakticha Bhukela
Manik Verma
3:09आ आ आ आ आ चरणिं तुझिया मज देईं, वास हरी रे मज देईं, वास हरी चरणतळीं तव कमल विराजे चरणतळीं तव कमल विराजे तेंच करीं मज देवा, कल्पवरी कुणा संतती, कुणा राज्य दे कुणा संतती, कुणा राज्य दे मजला हरिचे देई रे, चरण परि चरणिं तुझिया मज देईं, वास हरी रे मज देईं, वास हरी कुणा स्वर्ग दे, कुणा मुक्ति दे आ आ आ कुणा स्वर्ग दे, कुणा मुक्ति दे मजला परि चरणाचा, दास करीं आ आ आ मी घालीं ना संकट तुजवरि मी घालीं ना संकट तुजवरि केवळ मज चरणाचे, रजच करीं रजच करीं चरणिं तुझिया मज देईं, वास हरी रे मज देईं, वास हरी चिकटुनि राहिन सदा पदांला आ आ आ चिकटुनि राहिन सदा पदांला इतुकी मम पुरवावी रे, आस परि मिरवीन वैभव हें त्रैलोक्यीं मिरवीन वैभव हें त्रैलोक्यीं येइल तरि नृपतीला, काय सरी काय सरी चरणिं तुझिया मज देईं, वास हरी रे मज देईं, वास हरी रे मज देईं, वास हरी