Rafta Rafta Wo Meri
Muhammad Ali
4:39मैं शायर तो नहीं मैं शायर तो नहीं मगर ए हसीं जबसे देखा मैंने तुझको मुझको शायरी आ गयी मैं शायर तो नहीं मगर ए हसीं जबसे देखा मैंने तुझको मुझको शायरी आ गयी मैं आशिक़ तो नहीं मगर ए हसीं जबसे देखा मैंने तुझको मुझको आशिक़ी आ गयी मैं शायर तो नहीं प्यार का नाम मैंने सुना था मगर प्यार क्या है ये मुझको नहीं थी खबर प्यार का नाम मैंने सुना था मगर प्यार क्या है ये मुझको नहीं थी खबर मैं तो उलझा रहा उलझनों की तरह दोस्तों में राहा दुश्मनों की तरह मैं दुश्मन तो नहीं मैं दुश्मन तो नहीं मगर ए हसीं जबसे देखा मैंने तुझको मुझको दोस्ती आ गयी मैं शायर तो नहीं सोचता हूँ अगर मैं दुआ मांगता हाथ अपने उठा कर मैं क्या मांगता सोचता हूँ अगर मैं दुआ मांगता हाथ अपने उठा कर मैं क्या मांगता जबसे तुझसे मोहब्बत मैं करने लगा तबसे जैसे इबादत मैं करने लगा मैं काफिर तो नहीं मैं काफिर तो नहीं मगर ए हसीं जबसे देखा मैंने तुझको मुझको बंदगी आ गयी मैं शायर तो नहीं मगर ए हसीं जबसे देखा मैंने तुझको मुझको शायरी आ गयी मैं शायर तो नहीं