Junooniyat (Unplugged) [From "Junooniyat (Unplugged)"] (Feat. Falak Shabir)

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Meet Bros

Длительность: 4:05
Год: 2016
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Текст песни

पलके जीएन कैसे आँखों बिना
मुमकीन है यह क्या हो मेरे खुदा
क्यूँ साँस लूँ यूँही बस बेवजह
रिहा कर मुझे मेरे दर्द से ज़रा
दिल जो इबादत करे इश्क़ की
तो मरके भी ज़िंदा रहें आशिकि
जुनूनियत है यही जुनूनियत है यही
जुनूनियत है यही जुनूनियत है यही
ओ ओ ओ ओ ओ आ आ आ ओ आ
तू नही तो लग रहे हैरात जैसे दिन
आँखों के मौसम है भीगे
आज तेरे बिन
तू जुदा तो रुक गयी है
सीनें मे साँसे कही हाथों से बिछड़ी लकीरे
कह रही हैं बस यहीं दिल जो इबादत करे इश्क़ की
तो मरके भी ज़िंदा रहे आशिकि
जुनूनियत है यही जुनूनियत है यही
जुनूनियत है यही जुनूनियत है यही
जुनूनियत है यही ह्म
जुनूनियत है यही
जुनूनियत है यही
जुनूनियत है यही
जुनूनियत है यही