Kaan Men Jhumka Chaal Men Thumka

Kaan Men Jhumka Chaal Men Thumka

Mohammed Rafi

Альбом: Ek Cup Badmaashi
Длительность: 3:32
Год: 1957
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Текст песни

आए हाय
कान में झुमका, चाल में ठुमका, कमर पे चोटी लटके
हो गया दिल का, पुरजा-पुरजा, लगे पचासी झटके, हो तेरा
रँग है नशीला, अंग-अंग है नशीला
रँग है नशीला, अंग-अंग है नशीला
कान में झुमका, चाल में ठुमका, कमर पे चोटी लटके
हो गया दिल का, पुरजा-पुरजा, लगे पचासी झटके, हो तेरा
रँग है नशीला, अंग-अंग है नशीला
रँग है नशीला, अंग-अंग है नशीला

नशे से पलकें तनीं-तनीं, जान मेरी पे बनी-बनी
चढ़ती जवानी तेरी, कैसे सम्भाले तू
हुस्न तेरा मतवाला है, अरी किसके लिये सम्भाला है
बनूँ रखवाला, कर दे, मेरे हवाले तू
तेरी ये जवानी, अलबेली, ये पहेली
है अकेली मुझे साथी बना ले, हाँ
इन ज़ुल्फों में उलझ-उलझ कर, कई मुसाफिर भटके
हो गया दिल का, पुरजा-पुरजा, लगे पचासी झटके, हो तेरा
रँग है नशीला, अंग-अंग है नशीला
रँग है नशीला, अंग-अंग है नशीला

बोल कहूँ मैं खरे-खरे, जाती है क्यूँ परे-परे
तेरी ज़िंदगी में आजा, प्यार को बसा दूँ मैं
पास अगर तू आजाए, साँस-साँस टकरा जाए
दिल क्यूँ धड़कता है, तुझको दिखा दूँ मैं
तीर पे तीर, चला के, मुस्का के,
शरमा के, मुझे पास बुला ले
वहीं पे मेले, लग जाएँ तू देखे जहाँ पलट के
हो गया दिल का, पुरजा-पुरजा, लगे पचासी झटके हो तेरा
रँग है नशीला, अंग-अंग है नशीला
रँग है नशीला, अंग-अंग है नशीला
कान में झुमका, चाल में ठुमका, कमर पे चोटी लटके
हो गया दिल का, पुरजा-पुरजा, लगे पचासी झटके, हो तेरा
रँग है नशीला, अंग-अंग है नशीला
रँग है नशीला, अंग-अंग है नशीला
हाय, हाय