Kya Hua Tera Vada
Mohammed Rafi, Sushma Shrestha
4:18दिल शाद था के फूल खिलेंगे बहार में मारा गया ग़रीब इसी ऐतबार में मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता ना था मंज़ूर क़िस्मत को ना थी मर्ज़ी बहारों की नहीं तो इस गुलिस्ताँ में नहीं तो इस गुलिस्ताँ में कमी थी क्या नज़ारों की मेरी नज़रों को भी कोई नज़ारा मिल गया होता अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता ख़ुशी से अपनी आँखों को मैं अश्क़ों से भिगो लेता मेरे बदले तू हँस लेती मेरे बदले तू हँस लेती तेरे बदले मैं रो लेता मुझे ऐ काश तेरा दर्द सारा मिल गया होता अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता मिली है चाँदनी जिनको ये उनकी अपनी क़िस्मत है मुझे अपने मुक़द्दर से मुझे अपने मुक़द्दर से फ़क़त इतनी शिकायत है मुझे टूटा हुआ कोई सितारा मिल गया होता अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता