Tumhari Zulf Ke Saye Mein
Mohammed Rafi
3:40कभी न कभी कही न कही कोई न कोई तो आएगा कभी न कभी कही न कही कोई न कोई तो आएगा अपना मुझे बनाएगा दिल में मुझे बसायेगा कभी न कभी कही न कही कोई न कोई तो आएगा कबसे तनहा घूम रहा हु दुनिया के वीराने में खाली जाम लिए बैठा हूँ कब से इस मैखाने में कोई तो होगा मेरा साथी कोई तो प्यास बुझायेगा कभी न कभी कही न कही कोई न कोई तो आएगा किसी ने मेरा दिल न देखा न दिल का पैगाम सुना मुझको बस आवारा समझा जिस ने मेरा नाम सुना अब तक तो सब ने ठुकराया कोई तो पास बिठायेगा कभी न कभी कही न कही कोई न कोई तो आएगा कभी तो देगा सनते में प्यार भरी आवाज़ कोई कोण ये जाने कब मिल जाये रस्ते में हम राज़ कोई मेरे दिल का दर्द समझ कर दो आंसू तो बहायेगा कभी न कभी कही न कही कोई न कोई तो आएगा अपना मुझे बनाएगा दिल में मुझे बसायेगा कभी न कभी कही न कही कोई न कोई तो आएगा कोई न कोई तो आएगा