Rang Aur Noor Ki Barat
Mohammed Rafi
6:15ये रात है प्यासी प्यासी ये रात है प्यासी प्यासी प्यासी न गुज़र जाये तुम बाहों में आ जाओ तुम बाहों में आ जाओ या वक़्त ठहर जाये ये रात है प्यासी प्यासी नयी आग दिल को जलने लगी है मचलना सीखने लगी है जावा प्यार काबू में कैसे रहेगा के अंगडाई आने लगी है ये पलकें उठाओ ये नज़ारे मिलाओ मस्ती बिखर जाये ये रात है प्यासी प्यासी ये रात है प्यासी प्यासी कई रंग देखे तुम्हारे लबों में कहो तो कोई हम चुरा ले ज़रा शोक कर ले ये सादा सा जीवन जवानी को रंगीन बना ले ये आँखे न फेरो ये ज़ुल्फ़े बिखेरो दुनिया संवर जाये ये रात है प्यासी प्यासी ये रात है प्यासी प्यासी प्यासी न गुज़र जाये तुम बाहों में आ जाओ तुम बाहों में आ जाओ या वक़्त ठहर जाये ये रात है प्यासी प्यासी