Dukh Haro Dwarika Nath

Dukh Haro Dwarika Nath

Mukesh

Альбом: Sant Gyaneshwar
Длительность: 3:20
Год: 1964
Скачать MP3

Текст песни

तुम कहाँ छुपे भगवान करो मत देरी
दुःख हरो द्वारकानाथ नाथ शरण मैं तेरी
दुःख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी
दुःख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी

यही सुना है दीनबन्धु तुम सबका दुःख हर लेते
जो निराश हैं उनकी झोली आशा से भर देते
अगर सुदामा होता मैं तो दौड़ द्वारका आता
पाँव आँसुओं से धो कर मैं मन की आग बुझाता
तुम बनो नहीं अनजान, सुनो भगवान, करो मत देरी
दुःख हरो द्वारकानाथ नाथ शरण मैं तेरी
दुःख हरो द्वारकानाथ नाथ शरण मैं तेरी

जो भी शरण तुम्हारी आता, उसको धीर बंधाते
नहीं डूबने देते दाता, नैया पार लगाते
तुम न सुनोगे तो किसको मैं अपनी व्यथा सुनाऊँ
द्वार तुम्हारा छोड़ के भगवन और कहाँ मैं जाऊँ
प्रभु कब से रहा पुकार, मैं तेरे द्वार, करो मत देरी
दुःख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी
दुःख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी
दुःख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी
दुःख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी