Zuban Pe Dard Bhari Dastan

Zuban Pe Dard Bhari Dastan

Mukesh

Длительность: 4:11
Год: 1959
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Текст песни

ज़ुबान पे दर्द
भरी दास्ताँ चली आई
ज़ुबान पे दर्द
भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले
फ़िज़ा चली आई
ज़ुबान पे दर्द भरी
दास्ताँ चली आई

ख़ुशी की चाह में
मैं ने उठाये रज बड़े
ख़ुशी की चाह में
मैं ने उठाये रज बड़े
मेरा नसीब की मेरे
कदम जहां भी पड़े
ये बदनसीबी मेरी
भी वहां चली आई
ज़ुबान पे दर्द
भरी दास्ताँ चली आई

उदास रात है वीरान
दिल की महफ़िल है
उदास रात है वीरान
दिल की महफ़िल है
न हमसफ़र है कोई
और न कोई मज़िल है
ये ज़िन्दगी मुझे लेकर
कहाँ चली आई
ज़ुबान पे दर्द भरी
दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले
कहिजां चली आई
ज़ुबान पे दर्द भरी
दास्ताँ चली आई