Qissa
Mukul Sharma
3:22उसके बाद मैंने मुस्कुराना छोड़ दिया दिल टूटा तो फिर दिल लगाना छोड़ दिया वो ढूँढ रहा है ज़माने में मुझसे बेहतर जिसके लिए मैंने ज़माना छोड़ दिया हारेया, हारेया नज़रों के धोके में सब हारेया कर दिया है रिहा वो परिंदा अब से मेरा ना रहा वो दिन किस दिन के बाद में आएगा जिस दिन के बाद में तू किसी की बात में नहीं आएगा? मैं रातों में जागता हूँ, और मसला ये है कि मेरा महबूब मासूम है, रात को घर से बाहर नहीं आएगा दिल में उसकी तस्वीर कील से गड़ी हुई है तस्वीर निकल जाएगी, निशान नहीं जाएगा राख बचती है जलने के बाद में और कौन पागल है जो राख से दिल लगाएगा साली मोहब्बत वादे तेरे झूठे सारे, सपने भी गुम हैं लफ़्ज़ों की उलझनों में अखियाँ भी नम हैं ख़ुश तू नहीं अगर, ये सही ख़ुश तू नहीं अगर, ये सही ਛੱਡ ਕੇ ਮੈਂ ਤੈਨੂੰ ਜਾ ਰਿਹਾ हारेया, हारेया नज़रों के धोके में सब हारेया कर दिया है रिहा वो परिंदा अब से मेरा ना रहा दिल से आज भी इस बात का सदमा नहीं जाता कि एक ख़त है जो हमसे आज भी लिखा नहीं जाता उसको इतनी जल्दी किस बात की थी कि चला गया वो? हमको तो उससे नज़रें फेरना भी नहीं आता ना जाने किस की बात में आने लगे हैं वो जब से आने लगे हैं, दूर जाने लगे हैं वो अभी तो उनका हाथ मेरी हथेली में था फिर मुझको क्यूँ याद आने लगे हैं वो? मैंने इस बात को ज़्यादा तवज्जोह दिया कि उनकी दर्द का ख़याल करूँ नज़र-अंदाज़ किया कि शामें कहाँ बीतती हैं उनकी ये अच्छा हुआ कि बिछड़न ने आप को नहीं तोड़ा हम जानते हैं, टूट कर हड्डियाँ भी नहीं बचती किसी की ख़ैर, इस सब के बाद भी अगर आप चैन से सो जाते हैं फिर आप से क्या गिला करें कि आप हर किसी के हो जाते हैं हम मुक़द्दर के हारे सही लेकिन मोहब्बत में सिकंदरों को भी हराते हैं हाँ (मैं हारेया) हाँ (मैं हारेया) हाँ (मैं हारेया) हाँ Fuck love