Sanwle Se Kanha (2.0)

Sanwle Se Kanha (2.0)

Nikhil Verma

Длительность: 3:52
Год: 2025
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Текст песни

दुनिया क्या अपनी हस्ति को ही मिटा बैठे हैं
जिस पल हम राधा रानी से दिल को लगा बैठे हैं

आ आ आ आ

दुनिया क्या अपनी हस्ति को ही मिटा बैठे हैं
जिस पल हम अपने मोहन से दिल को लगा बैठे हैं
हम खोए रहे इनमे हैं जब से प्रीत लगी है मोरी
एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी
जैसे एक दूसरे से मिलकर हो गए चाँद चकोरी
कान्हा मुरली की तान सुनावे तो सुर राधे बन जाए
और श्याम उसी को मिलते हैं जो राधे राधे गाए
गुलाल लगावे राधा के कान्हा खेले जब होरी
एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी
जैसे एक दूसरे से मिलकर हो गए चाँद चकोरी
एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी

भटका है मन माया में अब हरि से ध्यान लगाना
करुणा करके शव को भजकर जीवन शुद्ध बनाना

आ आ आ आ

भटका जो मन माया में हरि से ध्यान लगाना
करुणा करके शव को भजकर जीवन शुद्ध बनाना
उस मोहन मुरली वाले ने दिल की करी है चोरी
एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी
जैसे एक दूसरे से मिलकर हो गए चाँद चकोरी
एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी
जैसे एक दूसरे से मिलकर हो गए चाँद चकोरी