Aigiri Nandini (Hindi Adaptation)

Aigiri Nandini (Hindi Adaptation)

Om Voices

Длительность: 7:29
Год: 2022
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Текст песни

हे गिरी नंदिनी, विश्व की स्वामिनी, नंदी गण तव शरण रहे
विंध्य गिरी पर रहनेवाली, इंद्र देव तव नमन करे
भगवती, गौरी, शिव अर्धांगिनी, जग का नित उद्धार करे
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें

देवों को बल देने वाली, राक्षस दल को नष्ट करे
करत गर्जना, देवी महेश्वरी, असुरों का संघार करे
अहंकारी दानव दल डर-डर, सिन्धु-सुता जब क्रोध करे
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें

सदा प्रसन्ना, माँ जगदम्ब कदंब वनों में वास करे
बैठी वैष्णवी हिम शिखरों में, विकट गुफा में ध्यान धरे
मधु सी मधुर, मोहिनी माता, मधु कैटभ का नाश करे
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें

दैत्य मुंड करे खंड, असुर गजराज शुंड सौ खंड करे
सिंह चढ़ चले चंडी चंडिका, चंद्र वदनी जब युद्ध करे
हाथ धरे तलवार, मार कर चंड-मुंड के शीश हरे
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें

रणचंडी, अपार शक्तिधर, शत्रु दलों का नाश करे
त्रिपुर सुंदरी, आदिशक्ति, माँ शंभु प्रिया कल्याण करे
दुष्ट, दुराचारी, पापी, दानव, दूतों का नाश करे
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें

शत्रु वधु जब शरण में आई, शरणागत पर कृपा करे
भद्रकाली मारे त्रिशूल और असुर दलों के शीश हरे
दुमी-दुमी बाजे शंख दुंदुभी, स्वर नभ में जयघोष करे
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें

धूम्र-धूम्र, धूमावती माता, धूम्रलोचन के प्राण हरे
काली कालिका, खप्पर वाली रक्तबीज लहू पान करे
शुम्भ-निशुम्भ की बलि चढ़ा, भैरव को सदा प्रसन्न करे
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें

धनुष-बाण, कंचन के कंगन, खड्ग, कटारी हाथ धरे
रूद्राणी जब खड्ग चलावे, असुर मुंड रण बीच गिरे
महामाया, मातंगी माता अट्टहास विकराल करे
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें

ताम-थई, तत-थई, धूम-किट, तक-थई, स्वर्ग अप्सरा नृत्य करें
धू-धू-किट, धू-धू-किट, तकिट, धूम-तकिट, सुमधुर भेरि, मृदंग बजे
नृत्य मग्न, नट राजेश्वरी के झण-झण झंकृत नुपुर बजे
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें

भँवरें जैसे श्याम-श्याम, सुंदर मनमोहक नैन बने
चमकत मुख है कोटि चंद्र सा, कांति तुम्हारी चित्त हरे
मुरली बजावत, कला स्वामिनी, गुण गावत गंधर्व फिरे
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें

जो नर सुमिरन करे निरंतर, चरण-कमल की भक्ति करे
कमलासनी, लक्ष्मी, नारायणी सुख-संपति, धन-धान्य भरे
सरस्वती, विद्या वरदायिनी, अँधकार, अज्ञान हरे
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें

आत्म ज्ञान के बाण मारकर, पल में पाप विनाश करे
भय भंजनी, दुख नाशिनी देवी, भक्तजनों के दुख हरे
हे करुणामयी, दयावती माँ, कृपा करो, हम शरण पड़े
जय-जय, माँ महिषासुर मर्दिनी, हम तेरा जयकार करें