Hari Aur Main
Narci
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंन्ता हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंन्ता शेहर में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंन्ता शेहर में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंन्ता किया करते हो तुम दिन रात क्यूँ बिन बात की चिंन्ता किया करते हो तुम दिन रात क्यूँ बिन बात की चिंन्ता किया करते हो तुम दिन रात क्यूँ बिन बात की चिंन्ता किया करते हो तुम दिन रात क्यूँ बिन बात की चिंन्ता तेरे स्वामी तेरे स्वामी तेरे स्वामी को रेहती है तेरी हर बात की चिंन्ता तेरे स्वामी को रेहती है तेरी हर बात की चिंन्ता तूम्हारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंन्ता तूम्हारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंन्ता न खाने की न पीने की न मरने की न जीने की न खाने की न पीने की न मरने की न जीने की न खाने की न पीने की न मरने की न जीने की न खाने की न पीने की न मरने की न जीने की रहे हर स्वाश रहे हर स्वाश रहे हर स्वाश में भगवान के प्रिय राम की चिंन्ता रहे हर स्वाश में भगवान के प्रिय राम की चिंन्ता तूम्हारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंन्ता तूम्हारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंन्ता विभीषण को अभय वर दे किया लंकेश पल भर में विभीषण को अभय वर दे किया लंकेश पल भर में विभीषण को अभय वर दे किया लंकेश पल भर में विभीषण को अभय वर दे किया लंकेश पल भर में उन्ही का हाँ उन्ही का कर रहे गुणगान तो किस बात की चिंन्ता उन्ही का कर रहे गुणगान तो किस बात की चिंन्ता उन्ही का कर रहे गुणगान तो किस बात की चिंन्ता हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंन्ता हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंन्ता उन्ही ब्रिजेश पर कृपा बनाया दास प्रभु अपना उन्ही ब्रिजेश पर कृपा बनाया दास प्रभु अपना उन्ही ब्रिजेश पर कृपा बनाया दास प्रभु अपना उन्ही ब्रिजेश पर कृपा बनाया दास प्रभु अपना उन्ही के हाथ उन्ही के हाथ उन्ही के हाथ में अब हाथ तो किस बात की चिंन्ता उन्ही के हाथ में अब हाथ तो किस बात की चिंन्ता तूम्हारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंन्ता तूम्हारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंन्ता शेहर में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंन्ता शेहर में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंन्ता किस बात की चिंन्ता किस बात की चिंन्ता