Rajvaadi Odhni
Pritam
4:01माँ भवतारिणी दुर्गति हरिणी दोषों प्रोहो रोणो धारिणी हर बंदिश से छूट के बस इश्क़ करेंगे टूट के अब रोक सके तो रोक ले दुनिया अरे इश्क़ किया तो शर्म क्या अजी इश्क़ से बढ़ के कर्म क्या अब टोक सके तो टोक ले दुनिया हम दोनों बेमिसाल सज धज के कमाल बाहें डाले हुए बाहों में जो नाचे ढिंढोरा बाजे रे ढिंढोरा बाजे रे ढिंढोरा बाजे रे ढिंढोरा बाजे रे उलझ के यहां सुलझते नहीं दिलों के माँझे रे ढिंढोरा बाजे रे ढिंढोरा बाजे रे ढिंढोरा बाजे रे ढिंढोरा बाजे रे दिन वो गुजरे गिनके सितारे ये जिसके भी अंग लगे दिन वो गुजरे गिनके सितारे ये जिसके भी अंग लगे चलना हवा पे जाने है इसको है सुर ख्वाब के पंख लगे अरे इसके सिंगार में इंद्रधनुष के ही जितने हैं रंग लगे ओ जो भी कहिए हुज़ूर ये शगुन का सिन्दूर ऐसे चंदा जैसे मुखड़े पे साजे ढिंढोरा बाजे रे ढिंढोरा बाजे रे ढिंढोरा बाजे रे ढिंढोरा बाजे रे उलझ के यहां सुलझते नहीं दिलों के माँझे रे ढिंढोरा बाजे रे ढिंढोरा बाजे रे माँ भवतारिणी दुर्गति हरिणी दोषों प्रोहो रोणो धारिणी माँ भवतारिणी दुर्गति हरिणी दोषों प्रोहो रोणो धारिणी अयि गिरि नन्दिनी नन्दित मेदिनि विश्व विनोधिनि नंदनुते गिरिवर विंध्य शिरोधि निवासिनी विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते जय जय हे महिषासुर मर्दिनी रम्य कपर्दिनि शैल सुते दुर्गे जय जय दुर्गे माँ