Yahan Koi Nahi
Punit Singh
3:51इन रातों में इक छिपी जान भी तो है क्या कहें ना कहें इनमें हन, नाम भी तो है मैं सोचता हूँ जहाँ तेरा नाम लें हन गुम हूँ मैं और दिल भी यह बदनाम ही तो है इन रातों में इक छिपी जान भी तो है क्या कहें ना कहें इनमें हन, नाम भी तो है मैं सोचता हूँ जहाँ तेरा नाम लें हन गुम हूँ मैं और दिल भी यह बदनाम ही तो है तो यह रात, इसे खोने दो ना जो बात, उसे होने दो ना वो खुशी, गम की घड़ी नही है हर ज़मीन को आसमान की कमी है वहाँ जहाँ, गहराई हो तेरी बातें छुपी हो जैसे, पीछे मुस्काती तू नाअ ना ना नाना नाना ना इन सुबह हो में, फिर नया काम भी तो है लो घुल गयी, जो चीनी यह जाम ही तो है मैं सोचता हूँ जहाँ तेरा नाम लें मायूस हूँ, और दिल भी यह परेशान भी तो है तो यह दिन इसे खोने दो ना थोड़ा आ, मुझे रोने दो ना हसूँगा फिर मेरे होने पे अब बीज हूँ खड़ा मैं मैं ही कोने में मैं नाअ ना ना ना ना ना ना ना इन शामों में इक छिपी शाम भी तो है हन हम यहाँ, तुम वहाँ पैगाम भी तो है तू देखता होगा ना, वो साफ आसमान जहाँ सपने है, ख्वाहिशें वहाँ काम भी तो है इन शामों में इक छिपी शाम भी तो है हन हम यहाँ, तुम वहाँ पैगाम भी तो है तू देखता होगा ना, वो साफ आसमान जहाँ सपने है, ख्वाहिशें वहाँ काम भी तो है मेरी जाआं, माफी, दे दे तू आजा मैं घूम गया था, तू, ही है मेरा ख्वाजा मेरी जाआं, माफी, दे दे तू आजा मैं घूम गया था, तू, ही है मेरा ख्वाजा हन हन हा नाअ ना ना ना ना नाना ना