Rudra Mahakaal

Rudra Mahakaal

Raanjha

Альбом: Rudra Mahakaal
Длительность: 4:12
Год: 2025
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Текст песни

शिव जैसा ध्यानी नहीं है, ध्यानी हो तो शिव जैसा हो
ना विचार, ना वासन, ना स्मृति, ना कल्पना
ध्यान विध्वंस है, विध्वंस है मन का
ध्यान है मृत्यु, मन की मृत्यु, मैं की मृत्यु, विचार का अंत
इसलिए शिव को मृत्यु का विध्वंस का विनाश का देवता कहा है शिव जैसा ध्यानी नहीं है
ॐ नमः शिवाय
हां बोलो हर हर

त्रिशूल धारी काहू शूलपाणि काहू
तुझको मेरे भोले भंडारी
कैलाशनाथ काहू भूतनाथ काहू
या कहु तुझे प्रलयकारी
तेरे नाम अनेक तेरे धाम अनेक
तुझे पूजता हर एक संसारी
जो जान ना इस धरा पे तुझको
वही एक है अज्ञानी

हा चिता में जल्दी आग है तू
शमशान में बिखरी राख तू
गंगा में बहता नीर तुझसे
मुक्ति का यहाँ एक द्वार है तू

भस्म राम घूमे तन पे
मृत्यु से परे महामृत्युंजय
है समय गति आधीन तेरे
तू ही रचियता तू ही प्रलय

तू रावण का तू राम का भी
तु पवनपुत्र हनुमान का भी
तू क्रोधी परशुराम का भी
तू लक्ष्मण का या बलराम का भी

तू नंदी का माँ गौरा का भी
तू अर्जुन या घनशयम का भी
तेरा वास समस्त ब्रह्माण्ड में
तुझसे ही होती पहचान मेरी

तू ही धरम सभी, तू ही जात सभी
तू लंका से लेके कैलाश में भी
या शिखर पे बैठा ध्यान मगन
तेरे ऊपर शम्भू कोई नहीं

तेरी शरण में बैठु डाल के डेरा
तेरे चरण बने मेरे रैन बसेरा
भटकू न कहि मृगतृष्णा में
अग्यानि माई बालक तेरा

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेहं

प्रचंडं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखंडं अजं भानुकोटिप्रकाशं
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं
भजेहं भवानीपतिं भावगम्यं

ॐ नमः शिवाय  ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय  ॐ नमः शिवाय
हां बोलो हर हर
तीनो लोक तेरे तीनो काल तेरे
मिले चरनो मैं ब्रह्माण्ड तेरे
तेरी मनोदशा पे निर्भर की
विनाश करे या निर्माण करे

यहा स्वरमयी सारे नाद तेरे
ये सुबह शाम या रात तेरे
पृथ्वी जल अग्नि वायु
या आकाश मैं होता वास तेरे

ले डमरू संग त्रिशूल कपाली
उतरे रन मी जब भी पिनाकी
किसी में समर्थ नहीं जो रोके
खड़े खड़े बीएसएस देखे झांकी

भक्त माई ये महाकाल का
ना काल भी जिसकी करे कामना
आँख खुले न तीसरी तेरी
देव मुनि याहि क्रे प्रार्थना

जिसका भी तू इष्ट देव
कर कौन सके अनिष्ट देव
चाहे राहु मंगल शनि हो भारी
तू हो तो केसे कष्ट देव

मैंने गृह नक्षत्र छोड़े हैं तुझपे
कुंडली में मेरे जितने दोष थे
पाप या पुण्य तेरे हवाले
तू ही जाने डमरूवाले

ना मान का ना सम्मान का डर
सृष्टि मुझे मुझे ना नाम का डर
मेरी भक्ति में ना कमी रहे
महादेव मुझे इस बात का डर है

मेरा ध्यान तू कर संज्ञान कर
जो दे ना दे अभिमान मगर
ये जीवन मेरा सफल बने
मुझे भक्त तेरा ले मान अगर

निराकारमोंकारमूलं तुरीयं
गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं
करालं महाकाल कालं कृपालं
गुणागार संसारपारं नतोहं

न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यं
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो

ॐ नमः शिवाय महादेव  बोलो हर हर