Ek Tukda Dhoop (From "Thappad")

Ek Tukda Dhoop (From "Thappad")

Raghav Chaitanya

Длительность: 5:26
Год: 2020
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Текст песни

टूट के हम दोनो में
जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का
अंदर अंदर नम सा है
एक धागे में है उलझे यूँ
के बुनते बुनते खुल गए
हम थे लिखे दीवार पे
बारिश हुई और धुल गए
टूट के हम दोनो में
जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का
अंदर अंदर नम सा है

टूटे फूटे ख्वाब की हाए
दुनिया में रेहना क्या
झूट्ठे मूठे वादो की हाए
लेहरो में बेहना क्या
हो दिल ने दिल में ठाना है
खुद को फिर से पाना है
दिल के ही साथ में जाना है
टूट के हम दोनों में
जो बचा वो कम सा है
इक टुकड़ा धूप का
अंदर अंदर नम सा है

सोचों ज़रा क्या थे हम हाए
क्या से क्या हो गए
हिजर वाली रातों की हाए
कब्रो में सो गए
हो तुम हमारे जितने थे
सच कहो क्या उतने थे
जाने दो मत कहो कितने थे
रास्ता हम दोनों में
जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का
अंदर अंदर नम सा है
टूट के हम दोनो में
जो बचा वो कम सा है
एक टुकड़ा धूप का
अंदर अंदर नम सा है