Dilbar Ki Aankhon Ka (From "Thamma")
Sachin-Jigar
2:50बत्तियाँ बुझा दो थोड़ी सी पिला दो अंधेरे में जो होगा सुबह उसको भुला दो बत्तियाँ बुझा दो(बत्तियाँ बुझा दो) थोड़ी सी पिला दो(थोड़ी सी पिला दो) अंधेरे में जो होगा(अंधेरे में जो होगा) सुबह उसको भुला दो(सुबह उसको भुला दो) आँखों से धीरे धीरे करे शुरुआत हम फिर इन लबों पर जगा लें जज़्बात हम आँखों से धीरे धीरे करे शुरुआत हम फिर इन लबों पर जगा लें जज़्बात हम दूरियों से कह दो कि पास ना आए एक दूसरे में गुज़रे सारी रात हम बत्तियाँ बुझा दो(बत्तियाँ बुझा दो) थोड़ी सी पिला दो अंधेरे में जो होगा सुबह उसको भुला दो बत्तियाँ बुझा दो(बत्तियाँ बुझा दो) थोड़ी सी पिला दो(थोड़ी सी पिला दो) अंधेरे में जो होगा(अंधेरे में जो होगा) सुबह उसको भुला दो(सुबह उसको भुला दो) जितना नशा भरा है मेरी अंगड़ाई में आजा बरसाऊँ तुझपे आज तन्हाई में बाहें कहती हैं बाहों से लिपट के लम्हे बिता लूँ ख़यालों की रज़ाई में बत्तियाँ बुझा दो थोड़ी सी पिला दो अंधेरे में जो होगा(अंधेरे में जो होगा) सुबह उसको भुला दो(सुबह उसको भुला दो) बत्तियाँ बुझा दो(बत्तियाँ बुझा दो) थोड़ी सी पिला दो(थोड़ी सी पिला दो) अंधेरे में जो होगा(अंधेरे में जो होगा) सुबह उसको भुला दो(सुबह उसको भुला दो)