Jai Hanuman Gyan Gun Sagar

Jai Hanuman Gyan Gun Sagar

Ravindra Jain

Длительность: 2:12
Год: 2022
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Текст песни

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुं लोक उजागर

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुं लोक उजागर
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुंचित केसा
कानन कुंडल कुंचित केसा
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा
लाय सजीवन (आ आ)
लाय सजीवन (आ आ)
लाय सजीवन लखन जियाये
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये
जुग सहस्र जोजन पर भानू
लील्यो ताहि मधुर फल जानू

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं
सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहू को डर ना
अष्ट सिद्धि (आ आ)
अष्ट सिद्धि (आ आ)
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता
जय जय जय हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं
जय जय जय हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं
जय जय जय हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं