Ram Jai Jai Ram Main To Ram Hi Ram Pukarun
Ravindra Jain
4:49कमलाकांत प्रभो कमलनयन स्वामी घट-घट वासी अंतर्यामी नारायण दीनदयाल जय जगदीश हरे नारायण दीनदयाल जय जगदीश हरे निज भक्तन के प्रतिपाल जय जगदीश हरे निज भक्तन के प्रतिपाल जय जगदीश हरे जय जय राम राजा राम जय जय राम राजा राम जय जय राम राजा राम जय जय राम राजा राम ओ प्रभु अनुसरण जेहि जन कीन्हा नाथ परमपद तिन कर दीन्हा राम जय जय राम राजा राम जय जय राम राम जय जय राम राजा राम जय जय राम भक्ति भाव की ऐसी धारा जो डूबे सो उतरे पारा कलयुग केवल नाम अधारा हरी सुमिरन हरी कीर्तन सारा राम जय जय राम राजा राम जय जय राम राम जय जय राम राजा राम जय जय राम राम जय जय राम राजा राम जय जय राम नारायण दीनदयाल जय जगदीश हरे नारायण दीनदयाल जय जगदीश हरे वितरसि दिक्षुरनि दिक्पति कमनीयं। दशमुख मौली बलिम रमनीयं ॥ केशव धृत राम शरीर जय जगदीश हरे । हरी हरते जन की पीर जय जगदीश हरे ॥ जय जय नारायण नारायण नारायण जय जय नारायण नारायण नारायण जय जय नारायण नारायण नारायण जय जय नारायण नारायण नारायण हरी हरी नारायण नारायण नारायण हरी हरी नारायण नारायण नारायण हरी हरी नारायण नारायण नारायण हरी हरी नारायण नारायण नारायण श्री हरी हरी नारायण नारायण नारायण हरी हरी नारायण नारायण नारायण श्री हरी हरी नारायण नारायण नारायण हरी हरी नारायण नारायण नारायण नारायण दीनदयाल जय जगदीश हरे नारायण दीनदयाल जय जगदीश हरे निज भक्तन के प्रतिपाल जय जगदीश हरे निज भक्तन के प्रतिपाल जय जगदीश हरे