Preet Re (From "Dhadak 2")
Darshan Raval
3:17होते हैं ऐसे भी कुछ सफर जहाँ खोने में है मज़ा ढूंढा जो ख्वाब मैंने दुनिया में वो दिल के क़रीब मिला होंठों के कोने पे हँसी मिली है आसमान ज़मीन खिली खिली जो चाहा था मिला मुझे मैंने जबसे है दिल की सुनी के ख़्वाहिश मेरी है पूरी हुई हैं राहें नई मुझे डर नहीं यहाँ के ख़्वाहिश मेरी है पूरी हुई हैं राहें नई मुझे डर नहीं यहाँ ये तेरे शहर की अदाओं ने मुझपे असर है किया बेख़ुदी है हवाओं में मुझे बेख़बर है किया आए ना कोई आए साथ में सितारों से भरी हैरत ये उड़ूँ मैं होकर बेफिकर मैंने जबसे है दिल की सुनी के ख़्वाहिश मेरी है पूरी हुई हैं राहें नई मुझे डर नहीं यहाँ के ख़्वाहिश मेरी है पूरी हुई हैं राहें नई मुझे डर नहीं यहाँ ख़्वाहिश मेरी ख़्वाहिश मेरी ख़्वाहिश मेरी ख़्वाहिश मेरी