Maula Mere Maula
Roop Kumar Rathod
6:05होहो संदेसे आते हैं हूमें तड़पाते हैं तो चित्ति आती है तो पूच्छ जाती है के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे की तुम बिन ये घर सूना सूना है संदेसे आते हैं हूमें तड़पाते हैं तो चित्ति आती हैं तो पूच्छ जाती है के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे की तुम बिन ये घर सूना सूना है किसी दिलवाली ने किसी मतवाली ने हूमें खत लिक्खा है की हुंसे पूचछा है किसी की सासों ने किसी की धड़कन ने किसी की चूड़ी ने किसी के कंगन ने किसी के कजरे ने किसी के गजरे ने माहेकत्ि सुबहों ने मचलती शामों ने अकेली रातों ने अधूरी बातों ने तरसती बाहों ने और पूक्चा है तारसी निगहों ने के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे की तुम बिन ये दिल सूना सूना है संदेसे आते हैं हूमें तड़पते हैं तो चित्ति आती है तो पूछे जाती है के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे की तुम बिन ये घर सूना सूना है मोहब्बत वालों ने हमारे यारों ने हूमें ये लिक्खा है के हुंसे पूचछा है हमारे गाओं ने आम की चाओं ने पुराने पीपल ने बरसते बादल ने खेत खलियायानों ने हारे मैदानों ने बसंती बेलों ने झूमती बेलों ने लचकते झूलों ने बहेकते फूलों ने चटकती कलियों ने और पूचछा हैं गाओं की गलियों ने के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे की तुम बिन गाओं सूना सूना है संदेसे आते हैं हूमें तड़पते हैं तो चित्ति आती है तो पूछे जाती है के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे की तुम बिन ये घर सूना सूना है कभी एक ममता की प्यार की गंगा की वो चित्ति आती है साथ वो लाती है मेरे दिन बचपन के खेल वो आँगन के वो साया आँचल का वो टीका काजल का वो लॉरी रातों में वो नर्मी हाथों में वो चाहत आँखों में वो चिंता बातों में बिगाड़ना ऊपर से मोहब्बत अंदर से करे वो देवी मा यहीं हर खत में पूच्छे मेरी मा के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे की तुम बिन आँगन सूना सूना है संदेसे आते हैं हूमें तड़पते हैं तो चित्ति आती है तो पूछे जाती है के घर कब आओगे के घर कब आओगे लिखो कब आओगे की तुम बिन ये घर सूना सूना है ओहोो.. आय गुज़रने वाली हवा बता मेरा इतना काम करेगी क्या मेरे गाँव जा मेरे दोस्तों मो सलाम दे मेरी गाँव में है जो वो गली जहाँ रहती है मेरी दिलरुबा उसे मेरे प्यार का जाम दे उसे मेरे प्यार का जाम दे वहीं थोड़ी डोर है घर मेरा मेरा घर में है मेरी बूढ़ी मा मेरे मा के पैरों को छ्छूके उसे उसके बेटा का नाम दे आय गुज़रने वाली हवा ज़रा मेरे दोस्तों मेरी दिलरुबा मेरी मा को मेरा पैयाँ दे उन्हे जाके टाइ ये पैगाम दे मैं वापस आऊंगा मैं वापस आऊंगा फिर अपने गाओं में उसीकि चाओं में की मा के आँचल से गाँव के पीपल से किसिके काजल से किया जो वादा था वो निभाऊँगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा