Sandese Aate Hai (From "Border")

Sandese Aate Hai (From "Border")

Roop Kumar Rathod

Длительность: 10:33
Год: 2016
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Текст песни

होहो

संदेसे आते हैं
हूमें तड़पाते हैं
तो चित्ति आती है
तो पूच्छ जाती है
के घर कब आओगे
के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये घर सूना सूना है
संदेसे आते हैं
हूमें तड़पाते हैं
तो चित्ति आती हैं
तो पूच्छ जाती है
के घर कब आओगे
के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये घर सूना सूना है

किसी दिलवाली ने किसी मतवाली ने
हूमें खत लिक्खा है
की हुंसे पूचछा है
किसी की सासों ने किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने किसी के गजरे ने
माहेकत्ि सुबहों ने मचलती शामों ने
अकेली रातों ने अधूरी बातों ने
तरसती बाहों ने
और पूक्चा है तारसी निगहों ने
के घर कब आओगे
के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये दिल सूना सूना है
संदेसे आते हैं
हूमें तड़पते हैं
तो चित्ति आती है
तो पूछे जाती है
के घर कब आओगे
के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये घर सूना सूना है

मोहब्बत वालों ने हमारे यारों ने
हूमें ये लिक्खा है के हुंसे पूचछा है
हमारे गाओं ने आम की चाओं ने
पुराने पीपल ने बरसते बादल ने
खेत खलियायानों ने हारे मैदानों ने
बसंती बेलों ने झूमती बेलों ने
लचकते झूलों ने बहेकते फूलों ने
चटकती कलियों ने
और पूचछा हैं गाओं की गलियों ने
के घर कब आओगे
के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
की तुम बिन गाओं सूना सूना है
संदेसे आते हैं
हूमें तड़पते हैं
तो चित्ति आती है
तो पूछे जाती है
के घर कब आओगे
के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये घर सूना सूना है

कभी एक ममता की
प्यार की गंगा की
वो चित्ति आती है
साथ वो लाती है
मेरे दिन बचपन के
खेल वो आँगन के
वो साया आँचल का
वो टीका काजल का
वो लॉरी रातों में वो नर्मी हाथों में
वो चाहत आँखों में वो चिंता बातों में
बिगाड़ना ऊपर से मोहब्बत अंदर से
करे वो देवी मा
यहीं हर खत में पूच्छे मेरी मा
के घर कब आओगे
के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
की तुम बिन आँगन सूना सूना है
संदेसे आते हैं
हूमें तड़पते हैं
तो चित्ति आती है
तो पूछे जाती है
के घर कब आओगे
के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये घर सूना सूना है

ओहोो..
आय गुज़रने वाली हवा बता
मेरा इतना काम करेगी क्या
मेरे गाँव जा मेरे दोस्तों मो सलाम दे
मेरी गाँव में है जो वो गली
जहाँ रहती है मेरी दिलरुबा
उसे मेरे प्यार का जाम दे
उसे मेरे प्यार का जाम दे
वहीं थोड़ी डोर है घर मेरा
मेरा घर में है मेरी बूढ़ी मा
मेरे मा के पैरों को छ्छूके
उसे उसके बेटा का नाम दे
आय गुज़रने वाली हवा ज़रा
मेरे दोस्तों मेरी दिलरुबा
मेरी मा को मेरा पैयाँ दे
उन्हे जाके टाइ ये पैगाम दे
मैं वापस आऊंगा
मैं वापस आऊंगा
फिर अपने गाओं में
उसीकि चाओं में
की मा के आँचल से
गाँव के पीपल से
किसिके काजल से
किया जो वादा था वो निभाऊँगा

मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा