O Mere Majhi Mere Sajan Hai

O Mere Majhi Mere Sajan Hai

Sachin Dev Burman

Альбом: Bandini
Длительность: 3:19
Год: 1963
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Текст песни

ओ रे माँझी
ओ रे माँझी
ओ ओ मेरे माँझी
मेरे साजन हैं उस पार
मैं मन मार, हूँ इस पार
ओ मेरे माँझी अब की बार
ले चल पार, ले चल पार
मेरे साजन हैं उस पार
मैं मन मार, हूँ इस पार
ओ मेरे माँझी अब की बार
ले चल पार, ले चल पार
मेरे साजन हैं उस पार

ओ मन की किताब से तुम
मेरा नाम ही मिटा देना
गुण तो न था कोई भी
अवगुण मेरे भुला देना
मन की किताब से तुम
मेरा नाम ही मिटा देना
गुण तो न था कोई भी
अवगुण मेरे भुला देना
मुझे आज की विदा का
मुझे आज की विदा का
मर के भी रहता इंतज़ार
मेरे साजन हैं उस पार
मैं मन मार, हूँ इस पार
ओ मेरे माँझी अब की बार
ले चल पार, ले चल पार
मेरे साजन हैं उस पार

मत खेल जल जाएगी
कहती है आग मेरे मन की
मत खेल मत खेल
मत खेल जल जाएगी
कहती है आग मेरे मन की
मैं बंदिनी पिया की
मैं संगिनी हूँ साजन की
मेरा खींचती है आँचल
मेरा खींचती है आँचल
मनमीत तेरी, हर पुकार
मेरे साजन हैं उस पार
ओ रे माँझी
ओ रे माँझी
ओ ओ मेरे माँझी