Heer (Feat. Muskan Verma)

Heer (Feat. Muskan Verma)

Sachin Jaat

Альбом: Heer
Длительность: 2:59
Год: 2025
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Текст песни

फकीर सा बणिआ गाल में ढोलता
हाय तू कुछ भी कोन्या बोलता
फिरे से बाल बुल बिखराए
बता क्यों दिल के राज ना खोलता
मेरी तो हीर बीरानी होगी
बेरा नी हीर मेरी कित खो गी
एक लाल रंग का ओढ़ाया पल्लू
उसमें मुँह वा लकोगी
मेरी तो हीर बी रानी होगी
बेरा नी हीर मेरी कित खो गी
ओढ़ के लाल रंग का पल्लू
ओले मुँह वा लकोगी
मेरी तो हीर बी रानी होगी

हो मैनें लागे इश्क दरिया
तू बाहर काढ़ के फेंक दिया
मछली की ढाला तड़पे तू
तेने कौन सा बता पाप किया
हो मेरे हाथ ता बहता चला गया
पानी ता मोहब्बत कर बैठा
मेरी जिंदगी में एक जाल आई
उस जाल के हाथों मर बैठा
बता फेर के करनी सेवा तेरी
मैं फिरूं ढूंढता हीर मेरी
मैनें लागे दिलवा तोड़ किते
अब गहरी नींद में सो गी
मेरी तो हीर भी रानी होगी
बेरा नी बरन वा कित खो गई
ओढ़ के लाल रंग का पल्लू
ओले में मुँह लोकोगी
मेरी तो हीर बी रानी होगी
बेरा नी बरन वा कित खो गई
ओढ़ के लाल रंग का पल्लू
ओले में मुँह लोकोगी
मेरी तो हीर बी रानी होगी

कोई शाख ते पत्ता टुट्या लागे, उड़ता हंडे गड़ी-गड़ी
इसके वियोग में मने बता तेरी रू, हांडे से बड़ी-बड़ी
मेरी सोहे माथी मजबूर घड़ी, उन दोनों हाथ इजोड़ दिए
कदे कच्चे घड़ा पे दिल बैठै, धर कच्चे घड़यों ने फोड़ दिए
बता के खोगी से थारी साकी
हाँ जी बात थारी से साची
तू फिरे बिलकदा गाळा में वा, गैर के मुंह में होगी
मेरी तो हीर बिराणी होगी, बेरा नी बैरन वा कित खोगी
ओढ़ के लाल रंग का पल्लू, ओ ले मैं मूल लकोगी
मेरी तो हीर बिराणी होगी
बेरा नी बैरन वा कित खोगी। ओढ़ के लाल रंग का पल्लू
ओ ले मैं मूल कोगी। मेरी तो हीर बि राणी होगी