Khaamiyan

Khaamiyan

Sagar Verma

Длительность: 2:39
Год: 2024
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Текст песни

मैने अपने ख़्वाबों को है कुछ इस क़दर समेटा
दुनिया के सवालों को है मुट्ठी में लपेटा
गलतियों को छोड़ खूबियों को है तलाशा
अपने नजराने को मैंने कुछ ऐसे तराशा
खामियां मुझमें हज़ार हैं हज़ार हैं
पर खूबियाँ भी कई कमाल हैं कमाल हैं

मैने तुझको कुछ ऐसा इख्तियार है दिया
कि ख़्वाबों का तू इंतज़ार अब न कर कभी
घर की चौखट पे शायद यह दस्तक न हो
सिर्फ ख्वाहिशों से ख्वाब मिलते नहीं
खामियां तुझमे भी हज़ार हैं हज़ार हैं
पर खूबियाँ भी कई कमाल हैं कमाल हैं

क्यों मुमकिन है मेरी इस सोच का बदलना
अपनी खामियां के बावजूद भी संभलना
चाहे कुछ भी हो जाए है चलते मुझको रहना
लोगों के सवालों का है यह जवाब देना
खामियां तो सब में ही हज़ार हैं हज़ार हैं
पर खूबियाँ भी कई कमाल हैं कमाल हैं
खामियां तो सब में ही हज़ार हैं हज़ार हैं
पर खूबियाँ भी कई कमाल हैं कमाल हैं