Namami Shamishan
Religious India
5:25ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय आ आ आ आ देवराज सेव्यमान पावनाङ्घ्रि पङ्कजं व्यालयज्ञ सूत्रमिन्दु शेखरं कृपाकरम् देवराज सेव्यमान पावनाङ्घ्रि पङ्कजं व्यालयज्ञ सूत्रमिन्दु शेखरं कृपाकरम् नारदादि योगिवृन्द वन्दितं दिगंबरं काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ १॥ भानुकोटि भास्वरं भवाब्धितारकं परं नीलकण्ठम् ईप्सितार्थ दायकं त्रिलोचनम् । कालकालम् अंबुजाक्षम् अक्षशूलम् अक्षरं काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥२॥ आ आ आ आ शूलटङ्क पाशदण्ड पाणिमादि कारणं श्यामकायम् आदिदेवम् अक्षरं निरामयम् । भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥३॥ कालभैरवं भजे ॥३॥ भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम् । विनिक्वणन् मनोज्ञहेमकिङ्किणी लसत्कटिं काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥४॥ धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं कर्मपाश मोचकं सुशर्मदायकं विभुम् । स्वर्णवर्णशेषपाश शोभिताङ्गमण्डलं काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ ५॥ कालभैरवं भजे ॥ ५॥ रत्नपादुका प्रभाभिराम पादयुग्मकं नित्यम् अद्वितीयम् इष्टदैवतं निरञ्जनम् । मृत्युदर्पनाशनं कराळदंष्ट्रमोक्षणं काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥६॥ आ आ आ आ अट्टहास भिन्नपद्मजाण्डकोश सन्ततिं दृष्टिपातनष्टपाप जालमुग्रशासनम् । अष्टसिद्धिदायकं कपाल मालिकन्धरं काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥७॥ भूतसङ्घनायकं विशालकीर्तिदायकं काशिवासलोक पुण्यपापशोधकं विभुम् । नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥८॥ देवराज सेव्यमान पावनाङ्घ्रि पङ्कजं व्यालयज्ञ सूत्रमिन्दु शेखरं कृपाकरम् नारदादि योगिवृन्द वन्दितं दिगंबरं काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ १॥