Fanne Khan
Seedhe Maut
4:03वो बोले चला थोड़ा धीरे अय अय! ज़िंदगी हम जीये साइ-फाई (साइ-फाई) होता उसकी आँखों में वो साफ़ ज़ाहिर (साफ़ ज़ाहिर) जायज़ गुस्सा क्या है (थोड़ा धीरे) या है, एक गंदा कीड़ा उसको खाए जाए ठान ही लिया जाना तो वो जाए जाए (जाए जाए) ओय, ओय, ओय, ओय उठ जा, उठ जा, उठ जा अबे उठ, अबे क्या है यार? चल यार चल रहे हैं ओ भाई उठ जा, जल्दी उठ, जल्दी उठ, जल्दी जल्दी उठ रहां हूँ भाई उठ रहां हूँ,उठ रहां हूँ है अच्छा ये सपना सोने दो (मत उठा) मैं भी साला वेहमी मुझे खोने दो (खोने दो) होगी उसके लिए नई शुरुआत ये पर यहाँ लगे आया सब खत्म है होने को (गया) बिना मिले मुझे अधमरा छोड़े वो मैंने बोला मुझे मत बता कौन है वो (नहीं जानता) ऐसे 100 लूं नाम अभी ऑन हैं जो (कौन है?) पर मेरा ध्यान है तेरे पे तू आगे सोचे जो (र्र्र्र्र्र) तजुर्बा बोले पीछे पे पड़नी लात है सचि बोलूं तो एक टेक्स्ट की बात है मिला क्या दूर ही रह है मेरी राय प्यार से ये टॉपिक छेड़े और कभी ये थोड़ी लंबी बात है मिलना यहाँ मुश्किल है (मिलना यहाँ मुश्किल है) हम चाहते जो फाटू तभी में बातें तो बड़ी करी थी ईगो पे लगी बात है तो पहले से ज़्यादा करूं में है नी जताने को कुछ और है नी हराने को कोई तो धूल चाट नाते उड़ते तुक्को जैसे तुक हो जैसे लौंडे लोग पीछे छोड़ते क्रू को कैसे झुको कैसे इतना कि लूटो ऐसे अपनों को थूको ऐसे अपनों पे अपनी पड़ी बरसों से कहते इसे बिच मूव जली देखा लौंडे खेले बिग मूव्स ये आग ऐसी पिघलाए इग्लू उसने पहले किया नजरअंदाज अभी स्टोरी डाले आईजी पे और ऊपर लिखे बिग मूड अय अय! ज़िंदगी हम जीये साइ-फाई (साइ-फाई) होता उसकी आँखों में वो साफ़ ज़ाहिर (साफ़ ज़ाहिर) जायज़ गुस्सा क्या है (थोड़ा धीरे) या है, एक अंदर कीड़ा उसको खाए जाए ठान ही लिया जाना तो वो जाए जाए (जाए जाए) जागे रह, सोना मत, पूरी बात हुई नहीं (हुई नहीं) थोड़ा बहुत वक्त तू मांगे पर (मांगे पर) मेरी घड़ी में सुई नहीं (सुई नहीं) पूरी रात काम हाथ करे खाज (खाज) 100 के नोट सेकते हथेली नई (ना) कैसे पकड़ू नंगे हाथ (वू) तू बर्फ है रूई नहीं चुई मुई तू ही नहीं लेकिन सिर्फ तू ही सही लेके लफ्ज़ छुई नहीं भेद दिया जैसे कील, सुई नहीं देके फील कभी लगे मूं ही नहीं पीछे हुआ जली तेरी लेकिन आई धुए की बू ही नहीं यूहीं कहीं सोचे लोग करूं मैं नील नहीं ऐसा कोई सीन नहीं हूं मैं नी झल्ला ब्रोल में दू बल्ला थोड़ा बहुत हल्ला करूं तेरे पहले मिली ऐसी कोई क्वीन नहीं झूठ बोलूं मौत आ जाए (मौत आए) दिल को रखा तेरे कंधे टिकाए वही कंधे मुझे मेरी चिता चढ़ाए धीरे धीरे तुझमें जलने में भी एक अपना मज़ा है मैं अंदर रखूं एक समंदर छिपाए तेरी बातों से शायद गरम हो भी जाए लेकिन जल हो जितना गरम, अग्नि बुझा ही देता है तू चले जैसे मैंने खाया है लेके तेरे बाप से ये कैसी माया है मैं अपने सिद्धांत लिए साथ एक रात पूछा होते क्या है बिच मूव्स वो बोले देख तू सोचे लोग चाहते तुझे होता है वो फेक थूक चूमके लोग एक जूते देते दूसरे में मूत्र है तभी और प्यार की तलवार से कट मत तू, आह! अय अय! ज़िंदगी हम जीये साइ-फाई (साइ-फाई) होता उसकी आँखों में वो साफ़ ज़ाहिर (साफ़ ज़ाहिर) जायज़ गुस्सा क्या है (थोड़ा धीरे) या है, एक अंदर कीड़ा उसको खाए जाए ठान ही लिया जाना तो वो जाए जाए (जाए जाए)