Krishnaya Vasudevaya - Shri Krishna Mantra
Prateeksha Srivastava
4:42सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नांची नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची जय देव जय देव (जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती) (दर्शनमात्रे मन कामना पुरती) (जय देव जय देव) रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा चंदनाची उटी कुमकुम केशरा हिरेजडित मुकुट शोभतो बरा रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया जय देव जय देव (जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती) (दर्शनमात्रे मन कामना पुरती) (जय देव जय देव) लंबोदर पीतांबर फणिवरबंधना सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना दास रामाचा वाट पाहे सदना संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवरवंदना जय देव जय देव (जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती) (दर्शनमात्रे मनकामना पुरती) (जय देव जय देव) शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहर को हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवर को महिमा कहे न जाय लागत हूं पद को जय देव जय देव (जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता) (धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता) (जय देव जय देव) अष्टी सिद्धी दासी संकटको बैरी विघ्नविनाशन मंगलमूरत अधिकाई कोटीसुरजप्रकाश ऐसी छबि तेरी गंडस्थलमदमस्तक झुले शशिबहारी जय देव जय देव (जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता) (धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता) (जय देव जय देव) भावभगत से कोई शरणागत आवे संतति संपत्ति सबहि भरपूर पावे ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे गोसावीनन्दन निशिदिन गुण गावे जय देव जय देव (जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता) (धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता) (जय देव जय देव) लवथवती विक्राळा ब्रह्मांडी माळा वीषें कंठ काळा त्रिनेत्रीं ज्वाळा लावण्यसुंदर मस्तकीं बाळा तेथुनियां जल निर्मळ वाहे झुळझूळां जय देव जय देव (जय देव जय देव जय श्रीशंकरा) (हो स्वामी शंकरा) (आरती ओवाळूं तुज कर्पूरगौरा) (जय देव जय देव) कर्पूरगौरा भोळा नयनीं विशाळा अर्धांगीं पार्वती सुमनांच्या माळा विभुतीचें उधळण शितिकंठ नीळा ऐसा शंकर शोभे उमावेल्हाळा जय देव जय देव (जय देव जय देव जय श्रीशंकरा) (हो स्वामी शंकरा) (आरती ओवाळूं तुज कर्पूरगौरा) (जय देव जय देव) देवीं दैत्य सागरमंथन पै केलें त्यामाजीं जें अवचित हळाहळ उठिलें तें त्वां असुरपणें प्राशन केलें नीळकंठ नाम प्रसिद्ध झालें जय देव जय देव (जय देव जय देव जय श्रीशंकरा) (हो स्वामी शंकरा) (आरती ओवाळूं तुज कर्पूरगौरा) (जय देव जय देव) व्याघ्रांबर फणिवरधर सुंदर मदनारी पंचानन मनमोहन मुनिजनसुखकारी शतकोटीचें बीज वाचे उच्चारी रघुकुळटिळक रामदासा अंतरीं जय देव जय देव (जय देव जय देव जय श्रीशंकरा) (हो स्वामी शंकरा) (आरती ओवाळूं तुज कर्पूरगौरा) (जय देव जय देव) दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी वारी वारीं जन्ममरणाते वारी हारी पडलो आता संकट नीवारी जय देवी जय देवी महिषासुरमथनी सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी जय देवी जय देवी (जय देवी जय देवी महिषासुरमथनी) (सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी) (जय देवी जय देवी) त्रिभुवनी भुवनी पाहतां तुज ऎसे नाही चारी श्रमले परंतु न बोलावे काहीं साही विवाद करितां पडिले प्रवाही ते तूं भक्तालागी पावसि लवलाही जय देवी जय देवी (जय देवी जय देवी महिषासुरमथनी) (सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी) (जय देवी जय देवी) प्रसन्न वदने प्रसन्न होसी निजदासां क्लेशापासूनि सोडी तोडी भवपाशा अंबे तुजवांचून कोण पुरविल आशा नरहरि तल्लिन झाला पदपंकजलेशा जय देवी जय देवी जय देवी जय देवी महिषासुरमथनी सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी जय देवी जय देवी (जय देवी जय देवी महिषासुरमथनी) (सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी) (जय देवी जय देवी) घालीन लोटांगण वंदीन चरण डोळ्यांनी पाहिन रूप तुझे प्रेमें आलिंगीन आनंद पूजन भावे ओवाळिन म्हणे नामा त्वमेव माता पिता त्वमेव त्वमेव बन्धु: सखा त्वमेव त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देवदेव कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा बुध्यात्मना वा प्रकृति स्वभावात् करमि यद्यत् सकलं परस्मै नारायणायेती समर्पयामि अच्युतं केशवं राम नारायणम् कृष्णदामोदरं वासुदेवं भजे श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभम् जानकीनायकं रामचंद्र भजे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे