Jaane Nahin Denge Tujhe
Sonu Nigam
3:32बहती हवा सा था वो (था वो) उड़ती पतंग सा था वो (था वो था वो) कहाँ गया उसे ढूँढ़ो र रा रा रा रा रा र रा रा रा रा रा बहती हवा सा था वो उड़ती पतंग सा था वो (था वो था वो) कहाँ गया उसे ढूँढ़ो हम्म हमको तो राहें थी चलाती वो खुद अपनी राह बनाता गिरता संभलता, मस्ती में चलता था वो हमको कल की फ़िक्र सताती वो बस आज का जश्न मनाता हर लम्हें को खुलके जीता था वो कहाँ से आया था वो (था वो) छू के हमारे दिल को कहाँ गया उसे ढूँढ़ो र रा रा रा रा रा ओ र रा रा रा रा रा सुलगती धूप में छाँव के जैसा रेगिस्तान में गाँव के जैसा मन के घाव पे मरहम जैसा था वो हम सेहमें से रहते कुए में वो नदियाँ में गोते लगाता उल्टी धारा चीर के तैरता था वो बादल आवारा था वो यार हमारा था वो कहाँ गया उसे ढूँढ़ो हमको तो राहें थी चलाती (हमको तो राहें थी चलाती) वो खुद अपनी राह बनाता (वो खुद अपनी राह बनाता) गिरता संभलता, मस्ती में चलता था वो (गिरता संभलता, मस्ती में चलता था वो) हमको कल की फ़िक्र सताती (हमको कल की फ़िक्र सताती) वो बस आज का जश्न मनाता (वो बस आज का जश्न मनाता) हर लम्हें को खुलके जीता था वो (हर लम्हें को खुलके जीता था वो) कहाँ से आया था वो (था वो) छू के हमारे दिल को कहाँ गया उसे ढूँढ़ो र रा रा रा रा रा र रा रा रा रा रा