Dil Kisika Dil

Dil Kisika Dil

Sonu Nigam, Shreya Ghoshal, Anand Raj Anand, And Praveen Bhardwaj

Альбом: Shikaar
Длительность: 4:25
Год: 2004
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Текст песни

दिल किसी का दिल चुराना चाहता है
किसको ये अपना बनाना चाहता है
दिल किसी का दिल चुराना चाहता है
किसको ये अपना बनाना चाहता है
जाने इसे क्या हुआ है आजकल
इश्क में खुद को मिटाना चाहता है
दिल किसी का दिल चुराना चाहता है

बेकरारी है बड़ी मुझे आजकल
निंद आती ही नहीं अब रात भर
धड़कने बीच है बेताब है
किसकी चाहत ने किया है ये असर
हा जगी सोई आंखे,
आंखों में सिरफ ख्वाबी
भीगी भीगी सांसे, सांसो में एक आग
आग बदाती जा रही है इस कदर
प्यार से इसे भुजना चाहता है
दिल किसी का दिल चुराना चाहता है
किसको ये अपना बनाना चाहता है

ये महोबत दर्द है या है दावा
कुछ नहीं कुछ कुछ नहीं है हमको पता
हम तड़पते जा रहे हैं हर घड़ी
पर तड़प कर आ रहा है क्यू मजा
हो धीरे धीरे देखता है और क्या
कैसी है ये खुमारी कैसा है ये नशा
ऊ दर्द बड़ा जा रहा है इस कदर
दर्द में दिल मुस्कान चाहता है
दिल किसी का दिल चुराना चाहता है
किसको ये अपना बनाना चाहता है
जाने इसे क्या हुआ है आजकल
इश्क में खुद को मिटाना चाहता है
दिल किसी का दिल चुराना चाहता है