Dhalne Lagi Hai Raat

Dhalne Lagi Hai Raat

Sonu Nigam, Shreya Ghoshal, Anu Malik, And Rahat Indori

Альбом: Inteha
Длительность: 6:45
Год: 2003
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Текст песни

ढालने लगी है रात कोई बात कीजिए
बढ़ने लगी है बात कोई बात कीजिए
है ज़िंदगी का साथ कोई बात कीजिए
काट जाएगी ये रात कोई बात कीजिए
जाने तन्हाई हम से क्या कह रही है
दिल की गहराई हम से क्या कह रही है
एक एक पल के साथ कोई बात कीजिए
बन कर रहेगी बात कोई बात कीजिए
ओ ढालने लगी है रात कोई बात कीजिए
बढ़ने लगी है बात कोई बात कीजिए

जितनी हदें हैं सब तोड़ डालें
बातों ही बातों में हम
हो होंतों के रंग से होंतों पे लिख दें
बातें दिलों की सनम
बात चाहत की रोशनी बन के आए
बात सुन सुन के बात भी मुस्कुराए
यूँ सादगी के साथ कोई बात कीजिए
बन के रहेगी बात कोई बात कीजिए
ओ ढालने लगी है रात कोई बात कीजिए
बढ़ने लगी है बात कोई बात कीजिए

पिघलने लग्गी है किस चांदनी मैं
कब तक खुले गे बदन
कब तक खुले गे बदन
प्यासा है दिल प्यासी ये रुत्त है
चूब ने लगी है हर किदार
गन गुनती है क्या जवानी सुनने गे
आखो आखो मैं हर कहानी सुनने गए
होटो पे रखे हाथ निसार कीजिए
बढ़ने लगी है बात कोई बात कीजिए