Patthar Ko (Theme)

Patthar Ko (Theme)

Sukhwinder Singh

Альбом: Rakht Charitra-2
Длительность: 2:07
Год: 2010
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Текст песни

पत्थर को कुछलो तो जोड़ी ही कुछलेगा
खंजर में चाकू दे धर ही टूटेगा
किया तो किया तो कभी किया होगा
दलदल में उतरा तो क्यों ना तू ढसेगा
घुटनो के बल पर कब तक कौन चलेगा
कभी तो उठेगा बस फिर तू लड़ेगा
पत्थर को कुछलो तो जोड़ी ही कुछलेगा
खंजर में चाकू दे धर ही टूटेगा
कोई क्या करे उसी के हाथों में दो कुल्हड़
पूजा तो करेगा नहीं मारेगा दिंडाहादे
रक्‍त रक्‍त रक्‍त रक्‍त रक्‍त….रक्‍तचरित्र
पहल बूंद बून्द था पर अब शक्त
पूरी है क्रूरा जो माफ़ी है मुरखता
दर्द जनता है कभी दर्द से ये पता
दर्द जनता है कभी दर्द से ये पता
राह चिंगारियों से तूफ़ान चलती नहीं
बिच राह गोलिया भी दिशा बदलती नहीं
जहर दिया तो वही रागों में दौड़
जहर दिया तो वही रागों में दौड़
घायल ही होगा जो भी इसाको निकोडेगा
खुद घन पाए बिना ना किसी को छोड़ दूंगा
खतरों के निश्चय से चट्टान फोड देगा
किया तो किया तो कभी किया होगा
दलदल में उतरा तो क्यों ना तू ढसेगा