Bismil
Sukhwinder Singh
6:06पत्थर को कुछलो तो जोड़ी ही कुछलेगा खंजर में चाकू दे धर ही टूटेगा किया तो किया तो कभी किया होगा दलदल में उतरा तो क्यों ना तू ढसेगा घुटनो के बल पर कब तक कौन चलेगा कभी तो उठेगा बस फिर तू लड़ेगा पत्थर को कुछलो तो जोड़ी ही कुछलेगा खंजर में चाकू दे धर ही टूटेगा कोई क्या करे उसी के हाथों में दो कुल्हड़ पूजा तो करेगा नहीं मारेगा दिंडाहादे रक्त रक्त रक्त रक्त रक्त….रक्तचरित्र पहल बूंद बून्द था पर अब शक्त पूरी है क्रूरा जो माफ़ी है मुरखता दर्द जनता है कभी दर्द से ये पता दर्द जनता है कभी दर्द से ये पता राह चिंगारियों से तूफ़ान चलती नहीं बिच राह गोलिया भी दिशा बदलती नहीं जहर दिया तो वही रागों में दौड़ जहर दिया तो वही रागों में दौड़ घायल ही होगा जो भी इसाको निकोडेगा खुद घन पाए बिना ना किसी को छोड़ दूंगा खतरों के निश्चय से चट्टान फोड देगा किया तो किया तो कभी किया होगा दलदल में उतरा तो क्यों ना तू ढसेगा