Zid

Zid

Sukriti Kakar

Альбом: Zid
Длительность: 3:25
Год: 2024
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Текст песни

वास्ता ऐसा तेरा मेरा
जाने क्या है दिल ये चाहता
ना मैं देखूं जो तेरा चेहरा
कहीं दिल मेरा ना ठहर
पहले तो ऐसा कुछ ना था
मुझे बाहों में तेरी रहना
मुझे सांसों में तेरी बहना
छाया है मुझपे ​​नशा हां
ज़िद करता सोनिये
तुझपे मरता सोनिये
ना संभलता है ये दिल हो
क्यों ज़िद करता सोनिये

डोर ये दिल की तोड़के
ख़याल वफ़ा के छोड़के
ये दिल मैंने तुझसे लगाया
बोले जिसे तू प्यार वे
मेरी समझ के पार वे
क्यों तुझमें खो जाना है
ख़ुद को पाना
मुझे अब ना जगा रे
लगे ख़्वाबों सा मुझको जहाँ रे
ये वास्ता एक राज़ लगे मुझको
चूमते झिलमिलाते सवेरे
होठों पर मिले तेरे मेरे
तेरे सिवा ना प्यास लगे मुझको

ज़िद करता सोनिये
तुझपे मरता सोनिये
ना संभलता है ये दिल हो हो
क्यों ज़िद करता सोनिये
फिर से दिल को पूछ ले
सवाल जो तुझको सूझते
बाद में पड़ जाए ना पछताना
प्यार में मुझको पाने का
वास्ता बढ़ाने का
ये पल जो मिला दोबारा है फिर ना आना
ज़िद करता सोनिये
तुझपे मरता सोनिये
ना संभलता है ये दिल हो हो
क्यों ज़िद करता सोनिये

ज़िद करता सोनिये आ आ
तुझपे मरता सोनिये आ आ
ना संभलता है ये दिल हो हो
क्यों ज़िद करता सोनिये आ आ