Kehndi Haan Kehndi Naa
Sukriti Kakar
3:22वास्ता ऐसा तेरा मेरा जाने क्या है दिल ये चाहता ना मैं देखूं जो तेरा चेहरा कहीं दिल मेरा ना ठहर पहले तो ऐसा कुछ ना था मुझे बाहों में तेरी रहना मुझे सांसों में तेरी बहना छाया है मुझपे नशा हां ज़िद करता सोनिये तुझपे मरता सोनिये ना संभलता है ये दिल हो क्यों ज़िद करता सोनिये डोर ये दिल की तोड़के ख़याल वफ़ा के छोड़के ये दिल मैंने तुझसे लगाया बोले जिसे तू प्यार वे मेरी समझ के पार वे क्यों तुझमें खो जाना है ख़ुद को पाना मुझे अब ना जगा रे लगे ख़्वाबों सा मुझको जहाँ रे ये वास्ता एक राज़ लगे मुझको चूमते झिलमिलाते सवेरे होठों पर मिले तेरे मेरे तेरे सिवा ना प्यास लगे मुझको ज़िद करता सोनिये तुझपे मरता सोनिये ना संभलता है ये दिल हो हो क्यों ज़िद करता सोनिये फिर से दिल को पूछ ले सवाल जो तुझको सूझते बाद में पड़ जाए ना पछताना प्यार में मुझको पाने का वास्ता बढ़ाने का ये पल जो मिला दोबारा है फिर ना आना ज़िद करता सोनिये तुझपे मरता सोनिये ना संभलता है ये दिल हो हो क्यों ज़िद करता सोनिये ज़िद करता सोनिये आ आ तुझपे मरता सोनिये आ आ ना संभलता है ये दिल हो हो क्यों ज़िद करता सोनिये आ आ