Cry On Cue Please
Superdupersultan
3:39सपने भत ब्रहे थे मेरी ओकाट से मे मारा जाता इन्ही हालातों क हाथ से मा सुने गाने वो खुश मेरी आर्ट से सच कहो तो मा ने पाला ब्रहे लाद से मे जेसा लिखता हो वेसा हौं भी मेरे इरादो क आगे ढा जाएगा तो भी फोन ब्न्ड अब मे न्ही र्खहता अब रबते आज ताली पीटें क्ल ट्के जलने वालो मे से आप थे परेशन मे ख़स्ता मकान मे मा की दुआएं खुदा क हिफ्ज़ ओ अमन मे वो पसबान हे वो पसबान था मेरे इरादो को वोही बहतेर जनता एसा लगने लगा था मुस्किलें मेरी ताक में मे उस दिन जगा जिस दिन देखा अनसो बाप की आँख मैं खाक से खाक में, आग से राख में मे घ्र से निकला करने मुश्किलो क ख़ात्मे काफ़िर को रूटे देखा सेफर पेर निकले होए मुसाफिर को खोते देखा तो केसे ँझे आएंगे फ्र याद सगे देखा ज़माना अपनो को अपने डोबोते देखा जोश ए जवानी की घलती का हिसाब कहा मा ँझे बोली बेटा बन्ना तुम्हे बाप सा पेर मे खुद मे खुद का इडिओल मे खुद को आईने मे देखो बोलूं कोई न्ही हे आपसा जोशे जवानी मे की घलटियाँ सुधरो ज़िंदगी एक रेस हे मे एसए केसे हारों मे लिखत मे भी डेचुका हौं मा को क मा फ़िक्र ना कर मे आने आने वाला स्तर हौं कभी जीत लगे कभी लगे हार भी कोशिशौं से होजते हाइन बेरहे पार भी मेने क़लम उठाया था यही सोच क क यह दुनिया भत पीछे मेरी सोच से क्च देते गली क्च देते हटे भी क्च मारे ताली तो क्च करते हाइन रिलेट भी हम बार बार टूट क उदास थे नादनीओ मे घालत चुने रास्ते हम ज़्ब ही क ही एक जेसे हाल थे हम ज़्ब ही डिल मे क्च सवाल थे आए ज़िंदगी टझसे ब्रहे गिल्ले ँझे क ज़िंदगी मे होए भत मलाल थे हसल की है मेने हस्सद न्ही की भाई सुल्तान जनता हे ई नेवेर लए नसीब से मिले सेवेज उमर शारेह जेसे भाई सो फक थे कॉंपिटेशन चोरहो कों किस से हाइ बिलवाजह मे इन मुहस्किलो का बोझ लो इससे अक्षहा मे कोई दोसरा जिस्म खोजलो या सोच लो ंझमे कितने ऑयिब थे मे टूटा होवा मोला घेब से ही मदद भेजदे टूटे होए अब वो मदद भेजे घेब से कभी कभी शोक भारी प्रहे जेब पे दुनिया खुश होती मेरे हेर एक ऑयिब से तो भी हंसले ंझपे अग्र टझे ज़ेब दे दुआ ए मघहफीरत मे बेता जिन्हे खो क यह समझ आया क्च न्ही मिलेगा क़बेर पे रू क साथ वेल ब्रहे भाई दोस्त होके घेर साथ चले सगे डेरे धोके दुआओं से तो तुम जाते हाइन तूफान भी मेरी कमियाबी से होते हेरान भी न्ही लगा वफ़ा की उमीद इंसान से बिन मफाद तो लौट ते न्ही गिर्दन भी न उरूज़ पेर था पहले ज़वाल मेरा न सही सुना ख़स्ता था भत हाल मेरा यह मुस्किलें भी भत क्च सिखाती हाइन किसने कहा हे दुआएं रंग न्ही लातें हाइन लंबी हाइन घूम की शामें म्ग्र शाम हाइन हुँने,जाना हे उस किनारे जहा लहरे भी नाकाम हाइन वो ही मक़ाम था वोही मक़ाम है मे अब भी वोही हौं अग्र बदला तो वो यह जहाँ है वो मक़ाम था अब भी वो मक़ाम है जाना हे उस किनारे जहा लहरे भी नाकाम हाइन