Rutho Jo Tum ( Tum Prem Ho)
Mohit Lalwani
3:24मुस्कान अधरों पर लिए क्यूँ मैं सदा चुप ही रहा मुस्कान अधरों पर लिए क्यूँ मैं सदा चुप ही रहा पावन तुम्हारे प्रेम को क्यूं मोह था मैंने कहा हर बात समझाना सदा संभव नहीं राधे समय समझाएगा हर बात समझाना सदा संभव नहीं राधे समय समझाएगा संभव नहीं होते कभी यहाँ प्रश्नों के उत्तर सभी तुम को कदाचित लग रहा के मुझको तुमने खो दिया जा तू स्वयं के मन में तू में तो तुम्ही में बस रहा राधे