Loneliness

Loneliness

Talha Anjum

Альбом: My Terrible Mind
Длительность: 4:00
Год: 2024
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Текст песни

नज़र को मयस्सर है काफी नज़ारे
पर तुझसे ना प्यारा कोई
मिले ना इस दुनिया में सबको सहारा, रह जाता बेचारा कोई
तेरे दीवानों में ना होगा मेरे जैसे भी दीवाना कोई
मैं भटका मुसाफिर हूं, मुस्तक़िल ना ठिकाना कोई
तन्हाइयों के सफर

सदियों की है ये थकन
दो पल की राहतें
फिर चल पड़ेंगे हम
तन्हाइयों के सफर
सदियों की है ये थकन

दो पल की राहतें
फिर चल पड़ेंगे हम

Yeah तेरी मेरी पहली मुलाक़ात तो नहीं
And I see तुझे सब याद है
हम मिले देख आम सी जगह पे
मैंने कहा था कि यहां सिर्फ हम खास हैं

And then I took a walk with you
I did like five shots with you
मैं कर सकता हूं अपने दिल की बात
फिर भी जान-ए-मन how about we start with you
कि क्या है तेरे दिल में?
तू करे बड़ी फिल्में

The way you move जाकर dance floor पे तो उफ़
ये तो सीधा-सीधा ज़ुल्म है
तुझ पे फना ज़ात मेरी
सारी रात जागता मैं
अभी थोड़ा tipsy हूं
लेकिन यार साथ तो हैं

I don't really drink लेकिन नशा तेरी आंखों में
So I go like

नज़र को मयस्सर है काफी नज़ारे
पर तुझसे ना प्यारा कोई
मिले ना इस दुनिया में सबको सहारा, रह जाता बेचारा कोई

तेरे दीवानों में ना होगा मेरे जैसे भी दीवाना कोई
मैं भटका मुसाफिर हूं, मुस्तक़िल ना ठिकाना कोई
तन्हाइयों के सफर
सदियों की है ये थकन
दो पल की राहतें

फिर चल पड़ेंगे हम
तन्हाइयों के सफर
सदियों की है ये थकन
दो पल की राहतें
फिर चल पड़ेंगे हम

तेरे हुस्न का हिसाब ही नहीं
कलम टूट जाते हैं और कोई किताब ही नहीं
जिसमें महफूज़ कर दूं तेरी आंखों का सुरूर
तेरा हुस्न शायराना
मुझे लफ़्ज़ों पे अबूर
तू अंबरां दा नूर लगे
तू चांद वरगी
तू बड़ी दूर लगे
जायज़ तेरा ऐ गुरूर लगे
चिट्टा जोड़ा पाक है तू हूर लगे

रोज़ ही नई कहानियां हुई हैं
मुझ पे रब की जो खास मेहरबानियां हुई हैं
जाम चल चुके हैं, बड़ी खुमारियां हुई हैं
फिर मेखाने पे उधारियां हुई हैं

सुबह उठूं तो कुछ याद ही नहीं हो
मेरी गली बंद है क्या जो तुम आती नहीं हो?
तेरी एक झलक पे लुटा दें सब ही जान-ए-मन
शायद इसी लिए चेहरा दिखाती नहीं हो

नज़र को मयस्सर है काफी नज़ारे
पर तुझसे ना प्यारा कोई
मिले ना इस दुनिया में सबको सहारा, रह जाता बेचारा कोई
तेरे दीवानों में ना होगा मेरे जैसे भी दीवाना कोई
मैं भटका मुसाफिर हूं, मुस्तक़िल ना ठिकाना कोई
तन्हाइयों के सफर
सदियों की है ये थकन
दो पल की राहतें
फिर चल पड़ेंगे हम
तन्हाइयों के सफर
सदियों की है ये थकन
दो पल की राहतें
फिर चल पड़ेंगे हम