Shiv Shakti (Feat. Vineet Katoch & Mary Joju)
Vinay Katoch
5:34हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे राम हरे राम मुरलीधर आओ आओ विपदा घिर आयी मुरलीधर आओ आओ विपदा घिर आयी द्रोपदी रोवे लाज बचाओ आओ आओ गिरधारी संकट हर लो ना साहस भर दो ना जपता हूँ बस नाम तेरा कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतक्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतक्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ध्यान तेरा व्याख्यान तेरा करे दास तेरा ये पुकारे कहीं से नाम तेरा गुणगान तेरा तेरे कानों में पड़ जाये कहीं से बांस तेरा और धाम तेरा मुरली की धुन बज जाये कन्हैया श्वांस तेरा हो साथ तेरा बस ये जीवन तर जाये कहीं से मैं सुना के संसार गाथा घनश्याम भेंट कर दूँ गुणों से है परे जो पीड़ा बता के जब सुजल नेत्र कर दूँ मैं जब चूर बैठा पीड़ा बताऊ तेरे अलावा किस शरण जाऊ मन में ये एक बस बात लाके दुःख तेरे नाम कर दूँ मधुसुदना, वध पूतना का जैसे किया था तुमने तुम बने थे सारथी मुझ पर्थ के जीवन साधा तुमने वैसे ही करुणा का एक धनुष बना और कृपा बाण से युक्त सदा वर्षा बाण की कर दो जैसे वो युद्ध करे तुमने अब मैं कर्तव्यों से विमुख पड़ा गांडीव हाथ से छूट रहा शरीर कांपता दृश्य देख मेरे देह का है हर रोम खड़ा हे केशव मेरी बुद्धि भ्रम में रह ना सकूँ अभी और खड़ा गुरु तुम्हें है माना अब हे श्याम आओ तेरी शरण पड़ा हां मुरलीधर आओ आओ विपदा घिर आयी मुरलीधर आओ आओ विपदा घिर आयी अर्जुन बोले राह दिखाओ आओ आओ गिरधारी संकट हर लो ना साहस भर दो ना जपता हु बस नाम तेरा कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतक्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतक्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम् धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे