O Meri Jaan
Pritam
5:06छोड़ आये हम वो गलियाँ छोड़ आये हम वो गलियाँ छोड़ आये हम वो गलियाँ छोड़ आये हम वो गलियाँ जहाँ तेरे पैरों के कँवल गिरा करते थे हँसे तो दो गालों में भंवर पड़ा करते थे जहाँ तेरे पैरों के कँवल गिरा करते थे हँसे तो दो गालों में भंवर पड़ा करते थे ये तेरी कमर के बल पे नदी मुड़ा करती थी हंसी तेरी सुन सुनके फसल पका करती थी छोड़ आये हम वो गलियाँ छोड़ आये हम वो गलियाँ ओ जहाँ तेरी एड़ी से धूप उड़ा करती थी सुना है उस चौखट पे अब शाम रहा करती है ये ये ये ये जहाँ तेरी एड़ी से धूप उड़ा करती थी सुना है उस चौखट पे अब शाम रहा करती है लटों से उलझी लिपटी इक रात हुआ करती थी हो कभी कभी तकिये पे वो भी मिला करती है छोड़ आये हम वो गलियाँ छोड़ आये हम वो गलियाँ रा रा रा रा आ आ दिल दर्द का टुकड़ा है (हूँ है) पत्थर की डली सी है (हूँ है) इक अँधा कुआँ है या (हूँ है) इक बंद गली सी है (हूँ है) इक छोटा सा लम्हां है है जो ख़त्म नहीं होता मैं लाख जलाता हूँ ये भस्म नहीं होता ये भस्म नहीं होता छोड़ आये हम वो गलियाँ (वो गलियाँ) छोड़ आये हम वो गलियाँ