Ram Lala
Vishal Mishra
4:34मैं पर्वत ना चढ़ा तो क्या जगदंबा मेरे घर पर हैं ओ मैं पर्वत ना चढ़ा तो क्या जगदंबा मेरे घर पर हैं सौ तीर्थ का है पुण्य मिला माँ के पैरो में सर है यही लिखा हे यही लिखा हे वेदो बताती है गीता कौन हराए उस बेटे को जिसने माँ का मन जीता कौन हराए उस बेटे को जिसने माँ का मन जीता कौन हराए उस बेटे को जिसने माँ का मन जीता कौन हराए उस बेटे को जिसने माता का मन जीता माँ ने सझाया हमको जैसे ऐसे सजा के रखना है माँ को राज दुलारा हमको बनाया रानी बना के रखना है माँ को जिस उंगली ने चांद दिखाया वो उंगली ना छोड़ेंगे माँ का दिल है मंदिर जैसा मंदिर ना तोड़ेंगे यहीं ज्ञान है यहीं ज्ञान है राम लल्ला का यही कृष्ण से है सिखा कौन हराए उस बेटे को जिसने माँ का मन जीता कौन हराए उस बेटे को जिसने माँ का मन जीता कौन हराए उस बेटे को जिसने माँ का मन जीता कौन हराए उस बेटे को जिसने माता का मन जीता मंदिर मैं जो फूल चढ़ाये वो आंगन में भी हो अर्पण माँ की चौकी घर की चौकठ दोनों ही होते हैं पावन कान्हा को है जिसका जन्मा रघुराई है जिसका ललना वही बंदला भाई आये भेष बदलके अपने अंगना वही देवकी वही देवकी वही यशोदा वोही पार्वती सीता कोन हराए उस बेटे को जिसने माँ का मन जीता कोन हराए उस बेटे को जिसने माँ का मन जीता कोन हराए उस बेटे को जिसने माँ का मन जीता कोन हराए उस बेटे को जिसने माता का मन जीता