Jogan Piya
Zellix
3:38बस तू आ मुझ में समा जाने क्यूँ बातें बस तेरी करूँ इधर उधर क्यूँ निगाहें फेरू सफ़र में मंज़िल तुझ ही को चुनु बता दो कोई शायद तेरी बातें थी दुख में भी हसाती थी जो बनके रह गयी बस याद शायद वो रातें थी मुझको जो सताती थी लौटा दे ये फरियाद बस तू आ मुझ में समा मेरी दुनिया को अपना बना आ भी जेय यू ना सता तुझ में ढूढू मैं अपना खुदा (अपना खुदा) (अपना खुदा) (अपना खुदा) (अपना खुदा) चाहूं तुझी को चाहूं कभी पर कह ना पाऊ जीत में भी दिखती है हार एक पल तू संग बीताले बैठ पास आ हमारे आ करले बातें तू चार शायद तेरी बातें थी दुख में भी हसाती थी जो बनके रह गयी बस याद शायद वो रातें थी मुझको जो सताती थी लौटा दे यह फरियाद बस तू आ मुझ में समा मेरी दुनिया को अपना बना आ भी जेया यू ना सता तुझ में ढूढू मैं अपना खुदा (अपना खुदा) (अपना खुदा) (अपना खुदा) (अपना खुदा)