Mirza (From "Maidaan")
Richa Sharma
5:17जाए चले जाए हम तारों के ज़मीं पे सपने तो हमारे रह जाएँगे यहीं पे जुगनू जहां आँखों में चमके थे हज़ारों ढूँढो तो हमको पाओगे वहीं पे आवाज़ों के धागे खोलो और तराने गाने दो मैदानों में धूप ना कम हो जाते हैं हम जाने दो पहचानेगी दुनिया हमको ऐसे दिन भी आएंगे महकेंगे हम खुशबू बनके नई हवाएं आने दो आवाज़ों के धागे खोलो और तराने गाने दो मैदानों में धूप ना कम हो जाते हैं हम जाने दो मैदानों में धूप ना कम हो जाते हैं हम जाने दो हम हम हम हम हम हम हम हम आवाज़ों के धागे खोलो और तराने गाने दो मैदानों में धूप ना कम हो जाते हैं हम जाने दो पहचानेगी दुनिया हमको ऐसे दिन भी आएंगे महकेंगे हम खुशबू बनके नई हवाएं आने दो धीरे धीरे पाँव के नीचे बादल सारे आने दो मैदानों में धूप ना कम हो जाते हैं हम जाने दो आवाज़ों के धागे खोलो और तराने गाने दो मैदानों में धूप ना कम हो जाते हैं हम जाने दो जाए चले जाए हम तारों के ज़मीं पे सपने तो हमारे रह जाएँगे यहीं पे जुगनू जहां आँखों में चमके थे हज़ारों ढूँढो तो हमको पाओगे वहीं पे आने में लकीरें दिन खींचे बेतहाशा देखे कोई देखे ख्वाबों का ये तमाशा काफी है उजाला जो बाकी है ज़रा सा देखे कोई देखे ख्वाबों का तमाशा