Billo Rani
Anand Raj Anand
5:30कौन कहता है मुँह काला है झूठ का कौन कहता है मुँह काला है झूठ का कौन कहता है मुँह काला है झूठ का कौन कहता है मुँह काला है झूठ का ए सच है ये सच, बोलबाला है झूठ का कौन कहता है मुँह काला है झूठ का कौन कहता है मुँह काला है झूठ का चाहे देखो दायें, चाहे देखो बाएँ चाहे देखो दायें, चाहे देखो बाएँ लोग यहाँ झूठ का डंका बजाएँ लोग यहाँ झूठ का डंका बजाएँ चाहे देखो दायें, चाहे देखो बाएँ लोग यहाँ झूठ का डंका बजाएँ सच के होंठों पे ताला है झूठ का अरे कौन कहता है मुँह काला है झूठ का अरे कौन कहता है मुँह काला है झूठ का झूठ बोलने से बात बन जाती है झूठ बोलने से बात बन जाती है काम चल जाता है, दाल गल जाती है झूठ बोलने से बात बन जाती है काम चल जाता है, दाल गल जाती है काम चल जाता है, दाल गल जाती है तीखा बड़ा मिर्च-मसाला है झूठ का कौन कहता है मुँह काला है झूठ का ए सच है ये सच, बोलबाला है झूठ का झूठ बोले जम कर सिक्का जमा ले झूठी तारीफ़ कर, सबको पटा ले झूठ बोले जम कर सिक्का जमा ले झूठी तारीफ़ कर, सबको पटा ले झूठी तारीफ़ कर, सबको पटा ले ए सारा ज़माना मतवाला है झूठ का ए सारा ज़माना मतवाला है झूठ का कौन कहता है मुँह काला है झूठ का झूठ का ये धंधा है, खूब ये है चलता माल-पानी आज कल, झूठे को है मिलता झूठ का ये धंधा है, खूब ये है चलता माल-पानी आज कल, झूठे को है मिलता माल-पानी आज कल, झूठे को है मिलता हे रंग और ढंग ही निराला है झूठ का हे रंग और ढंग ही निराला है झूठ का हे रंग और ढंग ही निराला है झूठ का कौन कहता है मुँह काला है झूठ का माना इस झूठ की बात है निराली माना इस झूठ की बात है निराली एक बात और है जो है सुनने वाली एक बात और है जो है सुनने वाली चढ़ता है सूरज ढलता है ये झूठ ना ज़्यादा चलता है चढ़ता है सूरज ढलता है ये झूठ ना ज़्यादा चलता है पल के सुख के खातिर तू क्यों अपना रंग बदलता है चढ़ता है सूरज ढलता है ये झूठ ना ज़्यादा चलता है पल दो पल का उजाला है झूठ का अरे काला है जी काला मुँह काला है झूठ का