Channa Ve
Akhil Sachdeva
3:32जब चलते चलते राह मुड़े जब जुगनू मुट्ठी खोल उड़े जब नैन ये तोड़े रूल सभी और खुल के करले भूल सभी भूल सभी, भूल सभी तो अटक गया है ये मन अटक गया है कुछ चटक गया है ये मन अटक गया है तो अटक गया है ये मन अटक गया है कुछ चटक गया है ये मन अटक गया है कभी झील है तू और कभी यादों की नाव है तू ही दिल का किनारा मेरा कभी धूप है तू और कभी तारो की छाँव है सारा ही है सहारा मेरा जब बाकी दुनिया धुंधली लगे जब रात भी उजली उजली लगे जब दिल को दुआ मालूम पड़े हर धड़कन झट से बूम करे बूम करे, बूम करे तो अटक गया है ये मन अटक गया है कुछ चटक गया है ये मन अटक गया है तो अटक गया है ये मन अटक गया है कुछ चटक गया है ये मन अटक गया है