Tera Ban Jaunga
Akhil Sachdeva
3:57सुन ज़ालिमा मेरे सानु कोई डर ना की समझेगा ज़माना तू वि सी कमली मैं वि सा कमला इश्क दा रोग सयाना इश्क दा रोग सयाना सुन मेरे हमसफ़र क्या तुझे इतनी सी भी खबर सुन मेरे हमसफ़र क्या तुझे इतनी सी भी खबर की तेरी साँसे चलती जिधर रहूँगा बस वही उम्र भर रहूँगा बस वही उम्र भर हाय जितनी हसीं ये मुलाकातें हैं उनसे भी प्यारी तेरी बातें हैं बातों में तेरी जो खो जाते हैं आऊँ ना होश में मैं कभी बाहों में है तेरी ज़िन्दगी हाय सुन मेरे हमसफ़र क्या तुझे इतनी सी भी खबर ज़ालिमा तेरे इश्क च मैं हो गयीआं कमली हाय मैं तो यूं खड़ा किस सोच में पड़ा था कैसे जी रहा था मैं दीवाना छूपके से आके तूने दिल में समां के तूने छेड़ दिया कैसा ये फ़साना ओ मुस्कुराना भी तुझी से सिखा है दिल लगाने का तू ही तरीका है ऐतबार भी तुझी से होता है आऊँ ना होश में मैं कभी बाहों में है तेरी ज़िन्दगी हाय है नहीं था पता के तुझे मान लूँगा खुदा की तेरी गललियों में इस कदर आऊंगा हर पहर सुन मेरे हमसफ़र क्या तुझे इतनी सी भी खबर की तेरी साँसे चलती जिधर रहूँगा बस वही उम्र भर रहूँगा बस वही उम्र भर हाय ज़ालिमा तेरे इश्क च मैं