Main Pal Do Pal Ka Shair Hoon With Dialogue By Amitabh
Amitabh Bachchan, Mukesh
4:08कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि जिंदगी तेरी जुल्फों की नर्म छाँव में गुज़रने पाती तो शादाब हो भी सकती थी ये रंज-ओ-ग़म की सियाही जो दिल पे छाई है तेरी नज़र की शुआँ मैं खो भी सकती थी मगर ये हो ना सका मगर ये हो ना सका और अब ये आलम है कि तू नहीं तेरा गम तेरी जुस्तजू भी नहीं गुजर रही है कुछ इस तरह जिंदगी जैसी इसे किसी के सहारे की आरज़ू भी नहीं ना कोई राह ना मंजिल ना रोशनी का सुराग भटक रही है अंधेरों में जिंदगी मेरी इन्ही अँधेरों में रह जाऊँगा कभी खो कर मैं जानता हूँ मेरी हम-नफस मगर यूँही कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है कि जैसे तुझ को बनाया गया है मेरे लिए कि जैसे तुझ को बनाया गया है मेरे लिए तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कहीं तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कहीं तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिए तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिए कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है कि ये बदन, ये निगाहें मेरी अमानत हैं कि ये बदन, ये निगाहें मेरी अमानत हैं ये गेसुओं की घनी छाँव है मेरी ख़ातिर ये होंठ और ये बाँहें मेरी अमानत हैं ये होंठ और ये बाँहें मेरी अमानत हैं कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है कि जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में कि जैसे बजती हैं शहनाइयाँ सी राहों में सुहागरात है, घूँघट उठा रहा हूँ मैं सुहागरात है, घूँघट उठा रहा हूँ मैं सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाँहों में सिमट रही है तू शर्मा के अपनी बाँहों में कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है कि जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर यूँ ही उठेगी मेरी तरफ़ प्यार की नज़र यूँ ही मैं जानता हूँ कि तू ग़ैर है, मगर यूँ ही मैं जानता हूँ कि तू ग़ैर है, मगर यूँ ही कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है