Dhaai Akshar Prem Ke

Dhaai Akshar Prem Ke

Anuradha Paudwal

Длительность: 4:48
Год: 2000
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Текст песни

आ आ आ आ

जींद महिया जींद महिया
मेरे ढोल सिपाहिया
जींद महिया जींद महिया
मेरे ढोल सिपाहिया
पल भर में जादू
क्या हो गया है

जींद महिया जींद महिया
मेरे ढोल सिपाहिया

क्या मैंने पाया
क्या खो गया है

जींद महिया जींद महिया
मेरे ढोल सिपाहिया

पल भर में जादू
क्या हो गया है
क्या मैंने पाया
क्या खो गया है
शर्म सी आये
कैसे बताऊँ
तू पढ़ले सजन
मेरी आँखों में
ढाई अक्षर प्रेम के
ढाई अक्षर प्रेम के
जींद महिया जींद महिया
मेरे ढोल सिपाहिया
जींद महिया जींद महिया
मेरे ढोल सिपाहिया

रूत ने सजायी
फूलों की डोलियां
बोलो तुम भी बोलो
कुछ मीठी बोलियाँ

हांसे क्यूँ काजल
उड़े क्यूँ आँचल
मौसम को सब है पता

जाने किधर से
छुपके नज़र से
दिल पे कोई लिख जाए
ढाई अक्षर प्रेम के
ढाई अक्षर प्रेम के

तड़पाना घबराना
शर्माना इश्क़ है
दिलबर की चाहत
में मर जाना इश्क़ है

कोई ना जाने है सब दीवाने
इश्क़ ने है सब को मारा

आग में जल गया एक परवाना
कहके जलती शमा से

ढाई अक्षर प्रेम के
ढाई अक्षर प्रेम के

पल भर में जादू
क्या हो गया है
क्या मैंने पाया
क्या खो गया है

शर्म सी आये कैसे बताऊँ
तू पढ़ ले सजन
मेरी आँखों में
ढाई अक्षर प्रेम के
ढाई अक्षर प्रेम के

जींद महिया जींद महिया
मेरे ढोल सिपाहिया
जींद महिया जींद महिया
मेरे ढोल सिपाहिया
जींद महिया जींद महिया
मेरे ढोल सिपाहिया
जींद महिया जींद महिया
मेरे ढोल सिपाहिया