Chashni Reprise
Vishal-Shekhar
4:00हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म बेखयाली में भी तेरा ही खयाल आए क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आए तेरी नज़दीकियों की ख़ुशी बेहिसाब थी हिस्से में फ़ासले भी तेरे बेमिसाल आए मैं जो तुमसे दूर हूँ क्यूँ दूर मैं रहूँ तेरा गुरुर हूँ आ तू फ़ासला मिटा तू ख्वाब सा मिला क्यूँ ख्वाब तोड़ दूँ उ उ उ उ उ उ उ ओ ओ बेखयाली में भी तेरा ही खयाल आए क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आए थोड़ा सा मैं खफ़ा हो गया अपने आप से थोड़ा सा तुझपे भी बेवजह ही मलाल आए है ये तड़पन है ये उलझन कैसे जी लूँ बिना तेरे मेरी अब सब से है अनबन बनते क्यूँ ये खुदा मेरे ओ ओ ओ हम्म हम्म हम्म हम्म ये जो लोग बाग हैं जंगल की आग हैं क्यूँ आग में जलूँ ये नाकाम प्यार में खुश हैं ये हार में इन जैसा क्यूँ बनूँ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ रातें देंगी बता नीदों में तेरी ही बात है भूलूँ कैसे तुझे तू तो ख्यालों में साथ है बेखयाली में भी तेरा ही खयाल आए क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आए ऐ ऐ ऐ ऐ आ आ आ आ ऐ ऐ ऐ उ उ उ उ उ उ (ये सवाल आए) नजरो के आगे हर एक मंज़र रेत की तरह बिखर रहा है दर्द तुम्हारा बदन में मेरे ज़हर की तरह उतर रहा है नजरो के आगे हर एक मंज़र रेत की तरह बिखर रहा है दर्द तुम्हारा बदन में मेरे ज़हर की तरह उतर रहा है आ ज़माने आज़मा ले रूठता नहीं फ़ासलों से हौसला ये टूटता नहीं ना है वो बेवफ़ा और ना मैं हूँ बेवफ़ा वो मेरी आदतों की तरह छूटता नहीं