Tera Ban Jaunga
Akhil Sachdeva
3:57मैं रहूँ तेरे सामने बना ले मुझे आईना के मेरे हर लफ्ज़ का तू ही इक मायना मैं रहूँ तेरे सामने बना ले मुझे आईना के मेरे हर लफ्ज़ का तू ही इक मायना तू चाहे इलज़ाम दे या फिर कर ले गिला सहूंगा हर डर मैं जो मुझे बस तू मिला मैं रहूँ तेरे सामने बना ले मुझे आईना के मेरे हर लफ्ज़ का तू ही इक मायना तू है जहाँ पे मेरी जुस्तुजू होके तुझसे हो तो रूबरू मुझे मरहम मिला और तभी तेरी आँखों से उतरी हंसी मेरे होठों पे आके बसी मुझे हमदम मिला मेरे हाथों की ईन लकीरों में बस जा मैं आया तुझे थामने थामने मैं रहूँ तेरे सामने बना ले मुझे आईना के मेरे हर लफ्ज़ का तू ही इक मायना बस यूँ तेरी बाहों में बैठी रहूं राज़ दिल के तुझी से कहूँ तो चले सिलसिला जो कभी इक लम्हा लागे इक सदी मैं दोबारा बनूँ अजनबी मुझे खुद से मिला कहानी ये दो रूह के कशमकश की लिक्खी है इसी शाम ने मैं रहूं तेरे सामने बना ले मुझे आईना के मेरे हर लफ्ज़ का तू ही इक मायना