Sahiba
Aditya Rikhari
3:11वे कमलेया, वे कमलेया वे कमलेया, मेरे नादान दिल वे कमलेया, वे कमलेया वे कमलेया, मेरे नादान दिल दो नैनों के पेचीदा सौ गलियारे इन में खो कर तू मिलता है कहाँ तुझको अंबर से पिंजरे ज़्यादा प्यारे उड़ जा कहने से सुनता भी तू है कहाँ गल सुन ले आ वे कमलेया वे कमलेया मेरे नादान दिल हम थे रोज़मर्रा के एक तरह के कितने सवालों में उलझे उनके जवाबों के जैसे मिले झरने ठंडे पानी के हो रवानी में उँचे पहाड़ों से बह के ठहरे तालाबों से जैसे मिले तुम क्या मिले तुम क्या मिले हम ना रहे हम तुम क्या मिले जा करना है तो प्यार कर ज़िद पूरी फिर इक बार कर कमलेया वे कमलेया मनमर्ज़ी कर के देख ले बदले में सब कुछ हार कर कमलेया वे कमलेया