Pari Pari
Babul Supriyo
4:49ना दरवाजा ना खिड़की झरोखा भी ना बनवाया ना दरवाजा ना खिड़की झरोखा भी ना बनवाया तो फिर ये दर्द किस रास्ते से इस दिल में चला आया ना दरवाजा ना खिड़की झरोखा भी ना बनवाया तो फिर ये दर्द किस रास्ते से इस दिल में चला आया ना दरवाजा ना खिड़की झरोखा भी ना बनवाया वो पल है खोए कहाँ पुच्छे ये तन्हाइया दिल में च्छूपी है आज भी यादों की परच्छाइया वो पल है खोए कहाँ पुच्छे ये तन्हाइया दिल में च्छूपी है आज भी यादों की परच्छाइया बड़ी मुश्किल से फिर हुँने तो इश्स दिल को है बहलाया ना दरवाजा ना खिड़की झरोखा भी ना बनवाया तो फिर ये दर्द किस रास्ते से इस दिल में चला आया ना दरवाजा ना खिड़की झरोखा भी ना बनवाया हुँने तो सोचा ना था ऐसा भी हो जाएगा तेरे बिना हुमको सनम जीना नहीं आएगा हुँने तो सोचा ना था ऐसा भी हो जाएगा तेरे बिना हुमको सनम जीना नहीं आएगा मेरे दिल में क्यूँ रह रह के है मुझको ही तड़पाया ना दरवाजा ना खिड़की झरोखा भी ना बनवाया तो फिर ये दर्द किस रास्ते से इस दिल में चला आया ना दरवाजा ना खिड़की झरोखा भी ना बनवाया तो फिर ये दर्द किस रास्ते से इस दिल में चला आया ना दरवाजा ना खिड़की झरोखा भी ना बनवाया